कोटा के ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण में आ रही एक ओर बाधा दूर हो गई है। नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी और नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड के अनुमोदन के बाद राज्य सरकार ने एयरपोर्ट की रामगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आ रही भूमि को डीनोटिफाई कर दिया है। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देश पर अधिकारी इसके लिए केंद्र और राज्य की एजेंसियों से सम्पर्क बनाए हुए थे।
कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए चिन्हित भूमि में से 539.782 हेक्टेयर भूमि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बफर जोन में आ रही थी। इस भूमि के बफर जोन के बाहर नहीं आने के कारण एयरपोर्ट की फाइल अटक रही थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने करीब दो माह पहले केंद्र और राज्य की संबंधित एजेंसियों की बैठक लेकर इसका समाधान का रास्ता निकलवाया था।
बैठक में लिए गए निर्णय के बाद नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी और नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड के अनुमोदन से राज्य सरकार ने गुरूवार को आदेश जारी कर इस 539.782 हेक्टेयर भूमि को बफर जोन से पूरी तरह बाहर कर दिया है। इस आदेश से अब एयरपोर्ट के लिए जितनी भी भूमि की आवश्यकता है, वह अब पूरी तरह क्लियर हो गई है।
अब जल्द ही इस 539.782 वन भूमि के कन्वर्जन का डिमांड नोट भी जारी हो जाएगा। राज्य सरकार की ओर से कन्वर्जन शुल्क जमा करवाने के बाद एयरपोर्ट के काम को और गति मिलने की संभावना है।