डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में मरीजों की जांच के लिए आए सैंपल को कुत्ते उठा ले गए और कोविड के समय 53 लाख आरएनए किट एस्पायर होने, सैंपल स्लिप और वाइल को काट कर खून पीने का मामला भी विधानसभा में गूंजा। दोनों मामलों को उठाते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मामले की जांच के लिए टास्क फोर्स के गठन की मांग की है। राठौड़ ने कहा कि सरकार लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।
लेकिन उससे पहले हमें यह देखना चाहिए कि राजस्थान के शीर्ष संस्थानों के पास अच्छा स्वास्थ्य ढांचा, मानव संसाधन, उपकरण और नियंत्रण हो। जोधपुर कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब से मिली जानकारी के मुताबिक 11 फरवरी को कॉलेज की लैब में जो गंभीर मरीज है जिनका ऑपरेशन होना था। उनके सैंपल कुत्तें उठाकर ले गए। इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता।यह प्रतिबंधित क्षेत्र है जहां इंसान भी नहीं जा सकता और जब यह सब सामने आया तो प्राचार्य कच्छवाह ने कहा कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।
मैं कोई सनसनी नहीं फैलाना चाहता, लेकिन जोधपुर की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए जब स्वास्थ्य के अधिकार की बात आती है और समाचार पत्र इन स्थितियों के बारे में लिखते हैं, तो यह बात उठती है कि इन मामलों की जांच की जानी चाहिए। इसके अलावा इसी मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में 53 लाख की आरएनए जांच किट बिना काम आए ही एक्सपायर हो गए, ट्रास्क फोर्स बनाकर इसकी आप जांच कराए।