जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव को महज डेढ़ साल का वक्त बचा है। कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है। सूबे में पार्टी की भीतरी टकराव कम होने का नाम नहीं ले रही है।राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर असंतोष उभर आया है। सचिन पायलट के समर्थक और चेयरमैन के दावेदार कई नेता मेंबर बनाए जाने से नाराज हो गए हैं। पायलट समर्थक सुशील आसोपा और राजेश चौधरी ने तो मेंबर का पद ही ठुकरा दिया है। दोनों नेताओं ने सार्वजनिक रूप से बयान जारी कर पद लेने से इनकार कर दिया है। चार से पांच नेता और नाराज हैं। माना जा रहा है कि वे भी पद नहीं संभालेंगे।
कौन-कौन से नेता नाराज
बंजर भूमि विकास बोर्ड सदस्य पूर्व विधायक घनश्याम मेहर, व्यापार कल्याण बोर्ड सदस्य ज्योति खंडेलवाल और राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के सदस्य करण सिंह उचियारड़ा नाराज बताए जा रहे हैं। इन तीनों ने पद न लेने का फैसला किया है। ज्योति खंडेलवाल जयपुर की पूर्व मेयर रह चुकी हैं। जयपुर शहर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। ऐसे में केवल मेंबर बनाए जाने से वे नाराज हैं। घनश्याम मेहर जूनियर नेता के अंडर में मेंबर बनाने पर नाराज हैं। मेहर पिछली बार टोडाभीम से विधायक थे, तब कांग्रेस के केवल 21 विधायक ही जीते थे। कहा जा रहा है कि मेहर भी मेंबर का पद ठुकरा सकते हैं।
सुशील आसोपा बोले-यह नियुक्ति मंजूर नहीं,पद लेने कांग्रेस में नहीं आया
बंजर भूमि विकास बोर्ड सदस्य बनाए गए सुशील आसोपा ने रात को ही ट्वीट करके नाराजगी जाहिर की। आज आसोपा ने कहा- मुझे दी गई राजनीतिक नियुक्ति को अस्वीकार करता हूं, क्योंकि मेरी सहमति नहीं ली गई। मैं 42 महीने पहले सरकारी नौकरी छोड़कर पदों के लिए कांग्रेस में नहीं आया,जीवन भर नि:स्वार्थ सेवा करता रहूंगा।