जयपुर। भाई-बहनों के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन 22 अगस्त यानी कल देशभर में मनाया जाएगा। इस साल रक्षाबंधन का दिन बेहद शुभ है। ज्योतिष और ग्रह नक्षत्रों के जानकारों का कहना है कि इस बार सावन पूर्णिमा के दिन अमृत योग है। अमृत योग में रक्षाबंधन मनाने से भाई बहन दोनों को दीर्घायु की प्राप्ति होती है। बहनें भाई की आरती उतारती हैं और भाई आजीवन बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं।
474 साल बाद गजकेसरी योग और धनिष्ठा नक्षत्र
इस दिन भद्रा नहीं होने से पूरे दिन पर्व रहेगा। बहनें पूरे दिन स्नेह की डोर से भाइयों की कलाइयां सजा सकेंगी। ज्योतिषियों के अनुसार 474 साल बाद गजकेसरी योग और धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षाबंधन पर्व आया है। इस दिन शुभ फल देने वाले ग्रह योग रहेंगे। लोक जीवन में यह भाई-बहन का त्योहार है। शास्त्रीय परंपरा में इसमें रक्षासूत्र का बंधन होता है। यह रक्षासूत्र पहनने वाले की रक्षा के लिए होता है, न कि पहनाने वाले की रक्षा के लिए।
शुभ मुहूर्त:-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:26 AM से 05:10 AM
अभिजित मुहूर्त- 11:58 AM से 12:50 PM
विजय मुहूर्त- 02:34 PM से 03:26 PM
गोधूलि मुहूर्त- 06:40 PM से 07:05 PM
अमृत काल- 09:34 PM से 11:07 PM
रक्षाबंधन पूजा विधि:
-राखी वाले दिन सबसे पहले सुबह स्नान कर पवित्र हो जाएं और देवताओं को प्रणाम करें। उसके बाद अपने कुल के देवी-देवताओं की पूजा करें।
-फिर एक थाली लें। आप चाहें तो चांदी, पीतल, तांबा या फिर स्टील की थाली भी ले सकते हैं। फिर इस थाली में राखी, अक्षत और रोली रखें।
-सबसे पहले राखी की थाल को पूजा स्थान पर रखें और पहली राखी बाल गोपाल या फिर अपने ईष्ट देवता का चढ़ाएं।