जयपुर। राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग ने 12 जिलों के जिला परिषद एवं पंचायत समितियों के चुनाव को लेकर फैसला लिया है। आयोग ने 12 में से 6 जिलों में चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। चुनावी कार्यक्रम जारी होने के साथ ही इन जिलों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। कार्यक्रम के अनुसार तीन चरणों (26 अगस्त, दूसरा 29, अगस्त और तीसरा 1 सितंबर) में चुनाव होंगे। 4 सितंबर को सुबह 9 बजे से मतगणना होगी। भरतपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर और सिरोही में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव होंगे।
चुनाव का पूरा कार्यक्रम
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त रहेगी। नामांकन पत्रों की जांच 17 अगस्त को होगी। 18 अगस्त को अपराह्न 3 तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। इन चुनावों में कुल 77 लाख 94 हजार 300 वोटर्स अपनी भूमिका निभाएंगे। चुनाव चिन्हों का आवंटन 18 अगस्त दोपहर 3 बजे बाद किया जाएगा। इन चुनाव में 200 जिला परिषद सदस्य, 1564 पंचायत समिति सदस्य, 6 जिला प्रमुख/उप जिला प्रमुख और 78 प्रधान/उपप्रधानों के लिए वोट डाले जाएंगे।
मंत्रिमंडल फेरबदल पर संशय के बादल
जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव की घोषणा से अब मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार होगा या नहीं, इसे लेकर कांग्रेस के सियासी गलियारों में चर्चा चल पड़ी है। माना जा रहा है कि आचार संहिता लागू होने के बाद क्या मंत्रिमंडल होगा या फिर इसे चुनाव तक टाला जाएगा। हालांकि जानकारों की माने तो राजस्थान अमुमन चुनाव के बीच अधिकांश समय सरकारों ने मंत्रिमंडल विस्तार को टालना ही उचित समझा है।
गहलोत सरकार के सामने ये भी परेशानी
सूत्रों के अनुसार, आचार संहिता के बीच मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल किया जाता है तो इससे कांग्रेस पार्टी और सरकार के लिए परेशानी भी खड़ी हो सकती है। दरअसल मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने वाले मंत्री अगर चुनाव से संबंधित जिलों से हुए तो जिला परिषद और पंचायत चुनाव में पार्टी को इसका खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। इधर, पंचायत जिला परिषद चुनाव की घोषणा से उन मंत्रियों को राहत मिली है जिन पर मंत्रिमंडल से बाहर होने की तलवार लटकी हुई थी।