जयपुर। राजस्थान यूथ कांग्रेस में चल रहे घमासान के बाद अब संगठन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। संगठन ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश युवक कांग्रेस के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुये उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं चार पदाधिकारियों को 3 महीने का नोटिस दिया गया है। इस कार्रवाई के तहत प्रदेश महासचिव गौरव सैनी समेत प्रदेश सचिव रामनिवास गोदारा और परमिंदर सिहाग को निलंबित किया गया है। इनके अलावा जिन चार पदाधिकारियों को 3 महीने का नोटिस दिया गया है उनमें प्रदेश महासचिव भरत चौधरी, अजीत बेनीवाल, प्रदेश सचिव सुनील डूडी और हरप्रीत सिंह शामिल हैं। इन पदाधिकारियों को आगामी तीन माह की अवधि में अपने कार्य के प्रति गंभीरता दिखानी होगी। उसके बाद इनके बारे में आगे निर्णय लिया जायेगा।

गहलोत-पायलट के सियासी संघर्ष में पड़ी थी इसकी नींव
आपको बता दें कि राजस्थान में पिछले साल आए सियासी संकट के बाद यूथ कांग्रेस में इस घमासान की नींव पड़ी थी। उस समय सचिन पायलट खेमे का साथ देने वाले यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विधायक मुकेश भाकर को उनके पद से हटा दिया गया था। उसके बाद अशोक गहलोत खेमे के विधायक गणेश घोघरा को यूथ कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी। इससे पहले गणेश घोघरा यूथ कांग्रेस में प्रदेश सचिव की भूमिका में थे। घोघरा को यूं रातों रात संगठन की कमान सौंप देना संगठन में पदासीन कई पदाधिकारियों को रास नहीं आया था।

संगठन में आतंरिक घमासान जारी
उसके बाद पुरानी टीम ने घोघरा के हाथ मजबूत करने की बजाय असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया था। संगठन के पुराने पदाधिकारी गणेश घोघरा को अध्यक्ष के तौर पर मन से स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। इसके कारण संगठन में आंतरिक राजनीति तेज हो गई थी। हालात को देखते हुये संगठन के उच्चाधिकारियों ने उनको इशारों ही इशारों में समझाया भी था। लेकिन संगठन में आतंरिक घमासान जारी रहा। इस पर संगठन नेतृत्व ने इसकी सर्जरी शुरू कर दी है। अब धीरे.धीरे असहयोग करने वाले पदाधिकारियों को हटाया जायेगा और नई नियुक्तियां की जायेंगी।