मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किये हैं। इन प्रयासों में अब होटलों की तर्ज पर बने स्टार स्कूल भी शामिल होंगी। इससे पहले मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए आदर्श विद्यालय, शारदे विद्यालय जैसी उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था लागू की। इसका परिणाय हैं कि राजस्थान में अब शिक्षा क्षेत्र में सूधार आया हैं और कौशल विकास के जरिए ज्यादा युवाओं को राजगार मिल रहा हैं।
होटलों की तर्ज पर बन रहा हैं राजस्थान का शिक्षा क्षेत्र
होटलों की तर्ज पर सरकारी स्कूल भी फाइव स्टार, फोर स्टार और थ्री स्टार होंगे। सरकार ने यह फैसला पढ़ाई के प्रति प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाया जाएगा। यर रेटिंग बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर होगी। अच्छे परफॉर्मेंस पर फाइव स्टार रेटिंग और खराब परफॉर्मेंस पर फोर से वन स्टार तक रेटिंग मिलेगी। 2017 की बोर्ड परीक्षा परिणाम पर स्कूलों को रेटिंग दी जाएगी।
आगामी बोर्ड परिणाम के बाद योजना को पहनाया जाएगा अमलीजामा
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने इस योजना की कवायद पूरी कर ली है और आगामी बोर्ड परिणाम के बाद इस योजना को अमलीजामा पहना दिया जाएगा। हर स्कूल को 8वीं, 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर रेटिंग मिलेगी। 12वीं में संकायवार कला, विज्ञान और वाणिज्य वर्ग के परिणाम के आधार पर अलग अलग ही रेटिंग तैयार होगी।
कम रेटिंग मिली तो बताना होगा कारण
स्कूल को फाइव स्टार रेटिंग से कम मिलती है तो उसको इसका कारण बताना होगा। संस्था प्रधान को कमियों की पहचान करते हुए यह भी बताना होगा कि इन कमियों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है। स्कूल को इसे वार्षिक योजना में भी शामिल करना होगा।
इस प्रकार होगी स्टार स्कूले
फाइव स्टार: स्कूल का परिणाम बोर्ड के कुल परीक्षा परिणाम से अधिक है। साथ ही स्कूल में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत भी राज्य स्तर पर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों के कुल प्रतिशत से अधिक है तो स्कूल को फाइव स्टार रेटिंग दी जाएगी।
फोरस्टार: प्रथमश्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत राज्य स्तर पर बोर्ड परीक्षा में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के कुल प्रतिशत से कम है तो स्कूल को फोर स्टार रेटिंग दी जाएगी।
थ्रीस्टार: अगरकिसी स्कूल में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत राज्य स्तर पर प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत से तो अधिक है, लेकिन उस स्कूल का परिणाम बोर्ड के कुल परिणाम से कम है तो स्कूल को थ्री स्टार रेटिंग दी जाएगी।
टू स्टार: स्कूलका परिणाम और प्रथम श्रेणी से पास होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत बोर्ड के परिणाम और प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के परिणाम से कम है तो स्कूल को टू स्टार रेटिंग मिलेगी।
वनस्टार: बोर्डपरीक्षा में अगर स्कूल के 95 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया स्कूल को वन स्टार रेटिंग दी जाएगी। भले ही उसका परिणाम और प्रथम आने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत कुछ भी हो।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान को वर्तमान परिदृश्य में कहीं आगे लाकर खड़ा कर दिया हैं । आज राजस्थान की जो स्थिती हैं वह आने वाले दिनों में ओर सूधारात्मक होगी औऱ लोगों का रूझान निजी विद्यालयों से हटकर फिर से सरकारी विद्यालयों की तरफ बढ़ेगा। राजस्थान देश का पहला राज्य हैं जहां इस स्कूलों में इस प्रकार की स्टार व्यवस्था लागू की गई हैं।