जोधपुर। सन सिटी जोधपुर शहर में अपराधियों के हौंसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। शहर में कानून-व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। गुरुवार को शहर में दो गैंगस्टर के बीच में जमकर फायरिंग हुई। इससे शहर में फिर से दहशत फैल गई। फायरिंग में हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह नांदिया के पेट में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। यह गैंगवार दो हिस्ट्रीशीटर के बीच हुआ। हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह नांदिया की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग करके राकेश मांजू वहां से भाग निकला। राकेश मांजू भी हिस्ट्रीशीटर है। गोली लगने से घायल विक्रम सिंह को एमडीएम अस्पताल लाया गया है। हालांकि, उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। इन दोनों के बीच बरसों पुरानी दुश्मनी चल रही है।
कार को घेरकर की फायरिंग
हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह एक कार में सवार होकर डाली बाई मंदिर के पास रिंग रोड से जा रहा था। इस दौरान एक अन्य वाहन में सवार होकर सामने से राकेश मांजू ने उसकी कार को रोक दिया। विक्रम सिंह कुछ समझ पाता तब तक मांजू ने उसकी कार पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। मांजू ने 9 गोलियां विक्रम सिंह की तरफ दागी। इसमें से एक गोली उसे लगी। बाकी गोलियां कार में ही लग कर रह गईं।
हिस्ट्रीशीटर के पसलियों के नीचे लगी गोली
एक गोली विक्रम सिंह के साइड से उसकी पसलियों के नीचे की तरफ लग अंदर ही फंस गई। गोली शरीर में ज्यादा अंदर तक नहीं गई। इसके बाद राकेश मांजू वहां से भाग निकला। जबकि घायल विक्रम को उसके साथी उसी कार से सीधे एमडीएम अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों का कहना है कि गोली से अंदर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। विक्रम को अस्पताल लाने से पहले बड़ी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंच गया।
अस्पताल में पुलिस का भारी जाब्ता तैनात
इसके बाद विक्रम सिंह अपनी गाड़ी को भगाकर पास में ही स्थित राजीव गांधी पुलिस थाने पहुंचा। वहां से पुलिस ने उसे मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती कराया। इस बीच विक्रम सिंह के समर्थक अस्पताल पहुंचे और उन्होंने पुलिस प्रशासन को जमकर खरी खोटी सुनाई। मथुरादास माथुर अस्पताल में जहां विक्रम सिंह नांदिया का इलाज चल रहा है वहां पर पुलिस का भारी जाब्ता तैनात कर दिया गया है।
कई साल से है दोनों में दुश्मनी
कुछ साल पहले राकेश के भाई दिनेश मांजू का मर्डर हो गया था। राकेश को शक है कि इस मर्डर में विक्रम भी शामिल था। इसके बाद से राकेश हमेशा से विक्रम पर हमला करने की फिराक में रहने लगा। आज उसे मौका हाथ लग गया और उसने विक्रम की जान लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन निशाना चूक जाने से विक्रम बच गया। दोनों हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ अवैध वसूली, मारपीट समेत संगीन धाराओं में जोधपुर के कई थानों में एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं।