जयपुर। अशोक गहलोत सरकार ने हाल ही में अपने कार्यकाल के 2 साल पूरे किए है। इस मौके पर कांग्रेस सरकार ने अपनी उपलब्धियां गिनवाई वहीं विपक्षी ने उनकी असफलता का बखान किया। इसी बीच केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ‘अस्थिर’ है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के मतभेदों के कारण यह सरकार किसी भी वक्त गिर सकती है। मेघवाल ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच इसी तरह के मनमुटाव के कारण नौ महीने पहले कांग्रेस की सरकार गिर गई थी।
विधायकों को दिए आश्वासन नहीं कर पा रहे पूरे
मेघवाल ने कहा कि जब पायलट ने विद्रोह किया था (गहलोत सरकार पर आए पिछले संकट के दौरान) तो गहलोत ने नाराज विधायकों को समझाने के लिए उनके बाड़ेबंदी की थी। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इन विधायकों को आश्वासन दिया था कि वह उन्हें या तो मंत्री बना देंगे या निगम-मंडल में जगह दे देंगे। उन्होंने कहा कि अब गहलोत अपना यह आश्वासन पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए अपनी सरकार की स्थिरता को लेकर खुद उनके मन में डर बैठा हुआ है।
अब कभी भी गिर सकती है राजस्थान सरकार
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार कमलनाथ और सिंधिया के बीच मनमुटाव से गिरी थी। राजस्थान में भी गहलोत और पायलट के बीच ऐसे ही मतभेद हैं। अपने कार्यकाल के दो साल पूरे करने वाली गहलोत सरकार के भविष्य के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पिछले दो साल से अस्थिर है। अस्थिर सरकार अब कभी भी गिर सकती है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा किसी भी दल की सरकार गिराने में विश्वास करती ही नहीं है। अब कोई सरकार अपने ही भार से गिर जाए, तो इसमें हम भला क्या कर सकते हैं?
किसानों को किया जा रहा है भ्रमित
मेघवाल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन से कुछ ऐसे लोग जुड़ गए हैं जिनका अन्नदाताओं से कोई संबंध नहीं है और इस कारण आंदोलन के लोग ‘भ्रमित’ हो रहे हैं। उन्होंने हालांकि जोर देकर कहा कि मेरा मानना है कि सरकार से संवाद के माध्यम से किसानों की समस्याओं का निश्चित रूप से समाधान होगा। एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने इंदौर आए मेघवाल ने यह भी कहा कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर आधारभूत संरचना और अन्य क्षेत्रों में सरकार की ओर से उठाए कदमों से देश की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही है, खासकर वाहन उद्योग में बड़ा सुधार दर्ज किया गया है।