जयपुर। राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से चल रहे सत्ता संघर्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा द्वारा पूर्व पीसीसी चीफ एवं डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर लगाये गए आरोप के बाद पायलट ने उनको कानूनी नोटिस भेजा है। सचिन पायलट से जुड़े करीबी सूत्रों ने विधायक मलिंगा को कानूनी नोटिस भेजे जाने का दावा किया है। धौलपुर के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने हाल ही में सचिन पायलट पर गंभीर आरोप लगाए थे। मलिंगा ने पायलट पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने उनको बीजेपी में शामिल होने के लिये 35 करोड़ रुपयों की पेशकश की थी। इन आरोपों के बाद मलिंगा ने कहा था कि उन्होंने इस बारे में सीएम अशोक गहलोत को अवगत करा दिया था। मलिंगा के इस आरोप ने प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम की आग में घी काम किया। मलिंगा के इस आरोप के बाद सियासत और गरमा गई थी।
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे स्पीकर सीपी जोशी, कहा- विधायकों को अयोग्य ठहराने का पूरा अधिकार
विधानसभा स्पीकर के अधिकारों में हस्तक्षेप को लेकर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करेंगे। सीपी जोशी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि देश में कई संवैधानिक अथॉरिटी है, विधानसभा स्पीकर भी उनमें से एक है। सुप्रीम कोर्ट ने साल 1992 में दलबदलू को अयोग्य करार देने के लिए विधानसभा स्पीकर को अधिकृत किया था, लेकिन 1992 के बाद आज पहली बार ऐसा हुआ है अध्यक्ष की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी करने करने पर ही उसे कोर्ट में चुनौती दी गई। जोशी ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन अगर संवैधानिक अथॉरिटी के कामों में हस्तक्षेप होगा तो इससे लोकतंत्र पर संकट खड़ा हो जाएगा।
पार्टी से गद्दारी करने वाले जनता के बीच क्या मुंह लेकर जाएंगे : सीएम गहलोत
सचिन पायलट और बागी विधायकों पर सीएम गहलोत के तल्ख तेवर अभी भी बरकरार हैं। विधायक दल की बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने बैठक में कहा, सरकार कोविड से लड़ाई लड़ रही, दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे नेता और कुछ विधायक भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी से गद्दारी करने वाले लोग जनता के बीच जाकर मुंह नहीं दिखा पाएंगे। सत्य ही ईश्वर है, ईश्वर ही सत्य है, सत्य हमारे साथ है, इसलिए हर हाल में जीत हमारी ही होगी। सरकार पूरे 5 साल तक जनता की सेवा करेगी। सीपीएम भी हर हाल में कांग्रेस का ही समर्थन करेगी। इधर, हाईकोर्ट से पायलट खेमे को राहत मिल गई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने 24 जुलाई तक स्पीकर को कार्रवाई से रोक दिया है।
फैसला सचिन सहित 19 विधायकों के पक्ष में आया तो
सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की सदस्यता बची रहेगी। हालांकि सरकार ने व्हिप जारी कर फ्लोर टेस्ट किया और सचिन आए तो उन्हें सरकार के पक्ष में वोट करना होगा। अगर नहीं किया तो सदस्यता जाने का खतरा रहेगा और नहीं आए तो भी उनकी सदस्यता पर फिर खतरा बन जाएगा, क्योंकि व्हिप जारी रहेगा।