जयपुर। राजस्थान विधानसभा का नए साल का पहला सत्र 24 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार नागरिकता संशोधन कानून को प्रदेश में लागू नहीं करने के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ऐलान के बाद एक कदम आगे बढ़ाने जा रही है। बताया जा रहा है कि विधानसभा सत्र में सरकार सीएए के विरोध में प्रस्ताव पास करने की तैयारी में है। दो दिन पूर्व ही सीएए पर राज्य सरकार के रुख पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री बताएं कि वे सीएए के खिलाफ हैं या समर्थन में। दरअसल, गुरुवार को जयपुर में पाकिस्तानी विस्थापितों को रियायती दरों जयपुर में जमीन आवंटन को लेकर पूनिया ने यह बात कही थी।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने जारी किया आदेश
राज्य विधानसभा का नए साल में 24 जनवरी से पहला सत्र शुरू होगा। इस संबंध में रविवार को राजस्थान विधानसभा सचिवालय द्वारा राजस्थान राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित करवाई गई। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को एक आदेश जारी कर पन्द्रवीं राजस्थान विधानसभा का चौथा सत्र शुक्रवार, 24 जनवरी से बुलाया है।
गुमराह कर रहे मुख्यमंत्री : पूनिया
सीएए पर अशोक गहलोत सरकार की मंशा को लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा कि इस मसले में उन्होंने एक शांति मार्च भी निकाल और संदेश दिया कि भले ही संसद ने कानून पारित कर दिया हो लेकिन राजस्थान में इस कानून को लागू नहीं करेंगे। कल जयपुर विकास प्राधिकरण ने ऐसे 100 विस्थापितों को जमीन आंवटित की है। यह अच्छी बात है उन पाक विस्थापिता को खूसर विस्तार आवासीय योजना में आशियाना मिला जमीन मिली लेकिन कम से कम मुख्यमंत्री यह तो बताए कि इस तरह के दोहरे मापदंग से उनकी मंशा क्या है? एक तरफ तो गुमराह करते हैं शांति मार्च निकालते और दूसरी तरफ उन लोगों में आवंटन देकर उम्मीद भी जताते हैं।
26 जनवरी से यह संशोधन प्रभावी होगा
लोकसभा और राज्यसभा में एसटी-एससी आरक्षण पहले ही पारित हो चुका है। 26 जनवरी से यह संशोधन प्रभावी होगा। इसी को ध्यान में रखकर 24 जनवरी से विधानसभा आहूत की गई है। साल का यह पहला सत्र होगा। इसलिए इसकी शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ होगी।