राजस्थान के मुखिया सीएम गहलोत एक बार फिर से पुत्रमोह के कारण जाटों के निशाने पर आ गए हैं। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से चुनाव लड़ने के लिए डूडी की तैयारियों को जिस तरह से दरकिनार किया गया है, उससे कांग्रेस संगठन में भी गुट बन्दी हो गई है। लोगों का कहना है कि इससे साफ जाहिर हो रहा है कि यह सारी तिकड़म वैभव को अध्यक्ष बनाने के लिए हुई है।
सियासी दांवपेचों के चलते पहले से ही जाट-विरोधी माने जाने वाले अशोक गहलोत पर आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने न सिर्फ गंभीर आरोप लगाए हैं। बल्कि आरसीए चुनाव प्रक्रिया के दौरान रामेश्वर डूडी के पक्ष में एसएमएस स्टेडियम पहुंचने का आह्वान भी अपने कार्यकर्ताओं से किया है। बेनीवाल ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। पता चला है कि कार्यकर्ताओं के पहुंचने की आशंका के चलते स्टेडियम पर पहरा बैठा दिया गया है।
जानकारों का कहना है कि अगर बेनीवाल और डूडी एक हो जाते हैं तो कांग्रेस को बड़ा खतरा हो सकता है। सनद रहे भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया कुछ दिन पूर्व ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार के गिरने की घोषणा कर चुके हैं। आज भी पूनिया ने कहा है कि कांग्रेस संगठन को खत्म करने के लिए जो बात गांधी जी ने कही थी, वह काम सीएम गहलोत पूरा करेंगे।