स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया अब तय सीमा से ज़्यादा प्रत्येक लेन देन पर आपके रुपये कटेगा
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया अब तय सीमा से ज़्यादा प्रत्येक लेन देन पर आपके रुपये कटेगा

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (एसबीआई) के ग्राहक ध्यान दें। दरअसल एसबीआई अपने सर्विस चार्ज में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इसमें बैंक में रुपया जमा करना, रुपया निकालना, चेक का इस्तेमाल, एटीएम ट्रांजेक्शन से जुड़े सर्विस चार्ज शामिल हैं। सर्विस चार्ज में बदलाव के संबंध में एसबीआई ने अपनी वेबसाइट पर एक सर्कुलर भी जारी कर दिया है।

जहां एक तरफ एसबीआई ने चेक बुक में पन्ने घटा दिए हैं, वहीं दूसरी तरफ बाउंस होने पर शुल्क को बढ़ा दिया है। नए नियम एक अक्टूबर 2019 से पूरे देश में लागू होंगे। बैंक ने शुक्रवार को सेवा शुल्कों की नई सूची जारी की है उसके मुताबिक, अब बचत खाते पर एक वित्त वर्ष में 25 की जगह केवल 10 चेक ही मुफ्त देगा। इसके बाद 10 चेक लेने पर 40 रुपए देने होंगे। जबकि पहले मुफ्त चेकबुक के बाद 10 चेक लेने पर 30 रुपए देने पड़ते थे, इसमें जीएसटी अलग से चुकाना होगा।

तीन बार से ज्यादा कैश जमा कराने पर हर बार 56 रुपए लेगा स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया

एसबीआई सबसे बड़ा बदलाव बैंक खाते में रुपया जमा करने के नियम को लेकर करने जा रहा है। बैंक के सर्कुलर के अनुसार एक अक्टूबर 2019 के बाद आप एक महीने में अपने खाते में केवल तीन बार ही रुपया मुफ्त में जमा कर पाएंगे। यदि इससे ज्यादा बार रुपया जमा करते हैं तो प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 50 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना होगा।

बैंक सर्विस चार्ज पर 12 फीसदी का जीएसटी वसूलता है। इस प्रकार जब आप चौथी, पांचवीं या ज्यादा बार रुपया जमा करेंगे तो आपको हर बार 56 रुपए ज्यादा देने होंगे। गौरतलब है कि अभी किसी भी बैंक में खाते में रुपए जमा करने संबंधी कोई रोकटोक नहीं है। कोई भी व्यक्ति अपने खाते में महीने में कितनी ही बार कितना भी पैसा जमा कर सकता है।

चेक बाउंस हुआ तो देने पड़ेंगे 168 रुपए

एसबीआई ने चेक रिटर्न के नियमों को भी कड़ा कर दिया है। बैंक के सर्कुलर के मुताबिक 1 अक्टूबर के बाद कोई भी चेक किसी तकनीकी के कारण (बाउंस के अलावा) लौटता है तो चेक जारी करने वाले पर 150 रुपए और जीएसटी अतिरिक्त का चार्ज देना है। जीएसटी को मिलाकर यह चार्ज 168 रुपए होगा।

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में अब कोई कुछ भी करेगा वो ख़ुद का ही कटवायेगा, रुपये

भारतीय स्टेट बैंक ने अब बड़े आयोजन के साथ जनता को लूटने की तैयारी कर ली है। अगर आपके बचत खाते से वर्ष में 40 ट्रांजेक्शन (जमा/निकासी) से अधिक हुए तो 41 वे ट्रांजेक्शन से हर बार ₹ 57.50 आपकी जमा राशी से काट लिए जाएंगे। ये ट्रांजेक्शन चेक से हो, स्थायी सूचना से हो या कार्ड से बस 40 हो गए तो लूट चालू। अब सेलेरी के 12 और महीने मे दो बार भी उठाया तो 36 हो गए, अब किसी को चैक से 12 पेमेंट भी किये तो आपके खाते से ₹ 460 तो गए ही समझो।

अगर आपके बच्चे बाहर पढाई कर रहे हैं, माँ बाप को हर महीने रुपये भेजने हैं, इनवेस्टमेन्ट करना है, डोनेशन देना है, किसी की मदद करनी है, तो अब बैंक को भी हिस्सा देना होगा। वाह!!! पहले सर्विस टैक्स से लूटा अब बैंक के माध्यम से पगार की आय वालों को लूटेंगे। इससे तो जनता को ये संदेश जा रहा है कि रोकड बैंक में जमा ना करें अपना व्यवहार खुद ही निपटा लें।

बैंक की ये लूट देश और जनता के साथ सरकार को भी ले डूबेगी

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की ये लूट सरकार को भी ले डूबेगी। माल्या जैसे भगौडे के लोन में डूबी रकम हम लोगों से भरपाई करने की योजना है। इस देश की जनता को क्या समझ के रखा है?

ATM से 4 बार से अधिक पैसा निकलने पर 150 रु टैक्स और 23 रुपये सर्विस चार्ज मिलाकर कुल 173 रुपये कटेंगे। कमाओ तो टैक्स , बचाओ तो टैक्स और तो और, बैंक में जमा कराओ तो टैक्स, फिर वापस निकालो तो टैक्स।

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