राजस्थान में भ्रष्टाटाचारियों का बोलबाला इस कदर बढ़ चुका है कि अब सरकारी अधिकारी हो या कर्मचारी खुलेआम अवैध वसूली के धंधें में लगे हुए है। कोटा में गुरुवार को भ्रष्टाचार का ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देखकर आम आदमी ही नहीं बल्कि स्वयं गहलोत सरकार में खाद्य मंत्री रमेश मीणा भी भौचक्के रह गए। दरअसल मंत्री रमेश मीणा जब बूंदी से कोटा आ रहे थे तो थर्मल बाईपास के पास परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर सहित अन्य कर्मचारी वाहन चालकों से अवैध वसूली करते हुए मिले।
वहां परिवहन विभाग का जाप्ता गाड़ियों के बोनट पर डंडे मारते हुए मिले इस पर मंत्री ने एक ड्राइवर से मामले की जानकारी तो उसने कहा कि थोड़ी देर पहले ही पैसे देने के बावजूद ये लोग फिर से पैसा मांग रहे है। मंत्री जी को जब अवैध वसूली के इस गोरखधंधे की जानकारी लगी तो वह परिवहनकर्मियों के पास पहुंच गए, शुरुआत में तो कोई भी उन्हें पहचान नहीं पाया लेकिन बाद में पता चलने पर परिवहन विभाग के जाप्ते ने वसूली के करीब 8300 रुपये जेब से निकालकर झाड़ियों में फेंक दिए।
परिवहन उपनिरीक्षक निलंबित, कोटा एसीबी करेगी मामले की जांच
पैसों को फेंकने के बाद दोषी परिवहनकर्मी भागने लगे तो वहां मौजूद ट्रक चालकों और स्थानीय लोगों ने इन्हें पकड़ लिया। इसके बाद मंत्री ने वसूली करने वाले कर्मचारियों को जमकर लताड़ा। मंत्री रमेश मीणा ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (आरटीओ) को इस मामले की जानकारी दी तो परिवहन आयुक्त राजेश यादव ने दुराचरण और अनियमितता का दोषी मानते हुए परिवहन उपनिरीक्षक चंद्रशेखर शर्मा को तत्काल निलंबित कर दिया। वहीं अब इस पूरे मामले की जांच कोटा एसीबी की टीम करेगी। मंत्री रमेश मीणा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए परिवहन मंत्री से भी बात कर पूरे मामले की जानकारी दी और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा।