राजस्थान के चंबल में आंतक का पर्याय बने व पुलिस की नाक में दम करने वाले कुख्यात डकैत जगन गुर्जर ने आखिरकार शुक्रवार को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। अपने डकैत साथियों के साथ चंबल के बीहड़ों में रहकर आतंक मचाने वाले जगन गुर्जर को ढूंढने के लिए पुलिस बीते 15 दिनों से मशक्कत कर रही थी। डकैत जगन गुर्जर का पुलिस के सामने पहले भी कई बार सरेंडर कर चुका है। इस माह ही जेल से बाहर आए जगन गुर्जर ने 12 जून को धौलपुर जिले के करनपुर-सायका पुरा गांव में दो महिलाओं से मारपीट कर उन्हें निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया था, जिसके बाद से ही पुलिस ने तलाशी अभियान चला रखा था।
40 हजार के इनामी जगन गुर्जर को पकड़ने के लिए पुलिस, एटीएस और विशेष सुरक्षा बल की टीमें मिलकर जगन को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही थी लेकिन इन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी। डकैत जगन के आतंक के खिलाफ संसद में हनुमान बेनीवाल ने भी मुद्दा उठाते हुए उसके एनकाउंटर तक की मांग कर डाली थी। जिसके बाद चारों तरफ से अपनी जान का खतरा भांपते हुए जगन गुर्जर ने पहले मीडिया संस्थानों को सरेंडर करने की जानकारी दी और फिर शुक्रवार सुबर पुलिस के समक्ष चौथी बार आत्मसमर्पण किया।
गौरतलब है कि डकैत जगन गुर्जर के खिलाफ विभिन्न थानों में करीब 80 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज है। जगन कई बार पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है और जेल भी जा चुका है लेकिन हर बार जमानत पर जेल से बाहर आते ही अपने साथियों के साथ आतंक मचाने की फिराक में रहता है। जगन की गैंग में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल है। अब पुलिस जगन गुर्जर के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर इनका पूरी तरह सफाया करने की तैयारी में है।