जयपुर। लोकसभा चुनावों को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए सभी लोकलुभावने वादे अब एक-एक करके गहलोत सरकार के लिए ही मुसीबत बनते जा रहे हैं। प्रदेश के किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी, युवाओं को साढ़े तीन हजार रुपये बेरोजगार भत्ता, महिलाओं को विधानसभा में 50 फीसदी आरक्षण पर यू-टर्न लेने वाली राजस्थान सरकार का अब एक और वादा झूठा साबित हो गया है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएम गहलोत ने वादा किया था कि राज्य सरकार अब हर परिवार को प्रतिमाह 15 हजार लीटर पानी मुफ्त देगी। मतलब एक मीटर से एक महीने में यदि 15 हजार लीटर से कम पानी का उपभोग किया जाएगा तो सरकार उस उपभोक्ता से कोई चार्ज नहीं वसूलेगी। लेकिन लोकसभा चुनाव पूरे होते ही अब जलदाय विभाग ने मुख्यमंत्री के आदेश ही बदल डाले हैं। जलदाय विभाग ने नया सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि मुफ्त में 15 हजार लीटर तक पानी उपभोग करने की छूट केवल उन्ही उपभोक्ताओं को मिलेगी जिनके मीटर चालू हालत में होंगे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी जयपुर में 4 लाख 75 हजार उपभोक्ता है, जिनमें से 2 लाख 50 हजार से ज्यादा जल उपभोक्ताओं के मीटर बंद हैं। ऐसे में जलदाय विभाग के नए आदेश से उन 2 लाख 50 हजार उपभोक्ताओं को सीधा नुकसान होगा। जिन्होंने कई आवेदन करने के बावजूद भी जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने ना तो मीटर बदले और ना ही उन्हें सही करने की जहमत उठाई। वहीं गहलोत सरकार की मानें तो 15 हजार लीटर फ्री पानी की छूट हर घर के बजाय हर कनेक्शन पर देय होगी तथा ना ही उपभोक्ताओं से सीवरेज चार्ज वसूला जाएगा।