लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए खुशी की खबर है। राजस्थान भाजपा के कद्दावर नेता और चुनावों में जीत और हार अनूठा रिकॉर्ड बनाने वाले इस दिग्गज नेता की घर वापसी के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों की माने तो इसके लिए भाजपा आलाकमान और खुद नेताजी की ओर से अंदरखाने एक दूसरे से संपर्क साधा जा रहा है। हम बात कर रहे हैं भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे घनश्याम तिवाड़ी की।
तिवाड़ी 2003 से 2013 तक लगातार सांगानेर सीट से चुनाव जीतते आए हैं। 2013 के चुनाव में रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीतने वाले तिवाड़ी पार्टी से अलग होने के बाद अपने पहले ही चुनाव में ही जमानत जब्त कराकर खूब चर्चा में रहे हैं। 2013 विधानसभा चुनाव में कुल मतदान का लगभग 66 फीसदी वोट पाने वाले तिवाड़ी 2018 के विस चुनाव में अपनी जमानत जब्त करा बैठे हैं। लेकिन, अब इनके एक बार फिर से भाजपा में आने की सुगबुगाहट तेज है। भाजपा से अलग होने के बाद तिवाड़ी ने भारत वाहिनी पार्टी बनाई। इस पार्टी के जरिए घनश्याम तिवाड़ी ने अपनी नई सेना तैयार करते हुए 2018 के विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे। लेकिन, यहां उन्हें करारी शिकस्त मिली और पार्टी का कोई भी प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर सका। यहां तक की खुद तिवाड़ी भी अपनी परंपरागत सांगानेर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए। वर्तमान में वे उसके प्रदेशाध्यक्ष हैं।
भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच अपने पुराने साथियों को फिर से पार्टी के साथ जोड़कर मजबूती के साथ चुनाव में उतरना चाहती है। पार्टी को केन्द्रीय नेतृत्व से हरी झण्डी मिलने के बाद इसके लिए कवायद तेज हो गई है। वहीं, घनश्याम तिवाड़ी ने भी कुछ दिन पूर्व मीडिया से बातचीत में भी भाजपा या अन्य किसी राजनीतिक दल के साथ पार्टी के विलय की बात को स्वीकारते हुए स्पष्ट कहा था कि राजस्थान की राजनीति में दो ही दल कांग्रेस और भाजपा ही है। अन्य किसी के लिए यहां कोई जगह राजस्थान की जनता के मन में नहीं है। वहीं, हाल ही में जयपुर दौरे पर आए संगठन महामंत्री रामलाल ने भी बिछड़ों को फिर से साथ जोड़ने के निर्देश दिए हैं। भाजपा राजस्थान में मिशन 25 को पूरा करने के लिए अपने सभी बागी साथियों को फिर से घर वापसी कराकर कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने वाली है। जिसकी शुरूआत हो चुकी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अपनों के घर वापसी से भाजपा मजबूती के साथ चुनावी मैदान में दो दो हाथ करती नजर आएगी।