किसान कर्जमाफी का वादा पूरा करने की दिशा में गहलोत सरकार अब 7 से 9 फरवरी तक प्रत्येक जिले में 5-5 कैंप आयोजित करने वाली है। इन कैंपों के जरिए सरकार किसानों को कर्जमाफी का लाभ देगी। राजस्थान के मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने रविवार को जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग ली और इस संबंध में निर्देश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक कैंप लगाया जाएगा तथा जिन विस क्षेत्रों में कैंप अभी नहीं लगेंगे वहां बाद में आयोजित किए जाएंगे। किसान कर्जमाफी के लिए 2 श्रेणियां बनाई जाएगी, जिसमें 2 हैक्टेयर तक की कृषि भूमि वाले लघु एवं सीमांत किसान और इस दायरे से बाहर आने वाले किसान शामिल है।
मुख्य सचिव गुप्ता ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि केन्द्रीय सहकारी बैंकों के महाप्रबंधकों के साथ समन्वय स्थापित कर तय समय सीमा में शिविर आयोजित किए जाएं। गत भाजपा सरकार ने भी प्रदेशभर में शिविर लगाकर लाखों किसानों को कर्जमाफी का लाभ पहुंचाया था। रविवार को वित्त विभाग ने भी किसान कर्जमाफी को लेकर सहकारी बैंकों के साथ वित्तीय प्रबंधन के संबंध में बैठक की। गौरतलब है कि गहलोत सरकार की किसान कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ते जैसी बड़ी योजनाओं को पूरा करने में धन जुटाने में वित विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में वित्त विभाग के अधिकारियों ने कई विभागों के खर्चे में भारी कटौती भी कर दी है, ताकि सरकार की योजनाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रबंध किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले ही 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्जमाफ करने की घोषणा की थी। जिसके बाद गहलोत सरकार ने इस संबंध में आदेश तो जारी कर दिए लेकिन वास्तव में कर्जमाफी का लाभ अब तक किसानों को नहीं मिल पाया। अब देखना होगा कि शिविर आयोजित होने से प्रदेश के कितने किसानों को कर्जमाफी का फायदा मिल पाएगा।