कर्जमाफी का झांसा देकर कांग्रेस तीन राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब हो गई लेकिन अब कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव है। अब कोई नया मुद्दा या कोई झांसा नहीं मिल रहा। ऐसे में कांग्रेस के नेताओं ने सोचा कि थोड़ा मनोरंजन ही कर लिया जाए। आखिर विधानसभा चुनावों में घर-घर जाकर छूठे दिलासे और वायदों में जमकर पसीना जो बहाया है। अब राजस्थान कांग्रेस एक क्रिकेट टूर्नामेंट कराने जा रही है। इस टूर्नामेंट के जरिए ग्रामीण लोकसभा क्षेत्रों में युवाओं को जोड़ा जाएगा। कुछ मिलाकर बात यह है कि कांग्रेस क्रिकेट मैचों के जरिए लोकसभा चुनाव जीतने के सपने खुली आंखों से देख रही है। और फिर देखें भी क्यूं न, टीम के अम्पायर और चीफ किसानों से भी छक्के लगाने और फ्रंट फुट पर खेलने की बात कहकर गए हैं। अब वह बात किस मायने में और किसी तरह कही गयी थी, यह तो कोई समझा नहीं बस सीधे-सीधे समझ लिया कि चौके-छक्के लगाने हैं तो इसके लिए कोई टूर्नामेंट तो कराना होगा। क्यूं नहीं भाई, आखिर चौके-छक्के तो क्रिकेट में ही लग सकते हैं ना…।
अब जब टूर्नामेंट आयोजन कराने का फिक्स हो ही गया है तो क्रिकेट की टीमें भी बनाई गई है। इसे राजनीति रंग देने के लिए जयपुर की सभी विधानसभाओं से एक-एक टीम तैयार हुई है। मैच कराने का जिम्मा सौंपा है राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष, एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश कांग्रेस के सदस्य अनिल चोपड़ा को। राजनीति के क्रिकेट की विकेट के बीच इनामी राशि का जिक्र करना भी जरूरी है। विजेता को एक लाख और उपविजेता को 41 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
अब गौर करने वाली बात यह है कि लोकसभा की 25 सीटें भाजपा के पक्ष में है। इस बात के चलते कांग्रेस को कई विधानसभाओं से बंदे ही नहीं मिले जिसके चलते केवल 8 विधानसभा से ही टीम तैयार हो पाईं। इस राजनीति से अलग क्रिकेट टूर्नामेंट में फुलेरा, झोटवाड़ा, आमेर, जमवारामगढ़, शाहपुरा, विराटनगर, कोटपुतली और बानसूर विधानसभा क्षेत्रों से टीमें बनी हैं।
चंकाचौध में विश्वास रखने वाली कांग्रेस के इस चुनावी क्रिकेट मैदान में कोई बड़ा आदमी न आए, ऐसा होना मुनासिब नहीं। उदघाटन समारोह में शिरकत करने के लिए पंकज सिंह, पूर्व क्रिकेटर सलीम दुर्रानी, आईपीएल खिलाड़ी योगेश नागर और हिमांशु राणा आएंगे। कांग्रेस के मंत्री और विधायक तो इस मनोरंजन महाकुंभ में डूबकी लगाने आएंगे, इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए। उदघाटन 12 जनवरी को होगा। 13 जनवरी को पहला और 17 जनवरी को फाइनल मैच होगा। आगे आने वाले दिनों में कबड्डी, वॉलीबॉल और बास्केटबॉल जैसे चुनावी मनोरंजन का आयोजन भी देखने को मिल सकता है। अब इसे कांग्रेस की खेलों में सियासत कहेंगे या सियासत में खेल, कुछ भी कह पाना समझ से परे है।
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