राज्यसभा में करीब 8 घंटे चली चर्चा के बाद 124वां संविधान संशोधन विधेयक पारित, राष्ट्रपति की मंजूरी शेष
आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग परिवारों को शैक्षिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिलाने वाला सवर्ण आरक्षण विधेयक बिल राज्यसभा में पास हो गया है। लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी भारी बहुमत से 124वां संविधान संशोधन विधेयक पारित किया गया। फैसले के पक्ष में 165 और विपक्ष में केवल 7 मत पड़े। 8 घंटे तक चली चर्चा के बाद बुधवार देर रात संसद में इस फैसले पर मुहर लग गई। लोकसभा इसे मंगलवार को ही पारित कर चुकी है। अब इस विधेयक को स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा जाएगा जहां से इस विधेयक और फैसले पर 100 फीसदी अमल में लाने जाने पर स्वीकृति लग जाएगी।
राज्ससभा में दो तिहाई वोट के साथ विधेयक पास हुआ है। सदन में कुल 172 सदस्य मौजूद रहे।
प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव खारिज
संसद में मौजूद सभी पार्टियों के समर्थन के बावजूद 3 पार्टियों के 18 सदस्य ऐसे भी रहे जिन्होंने सवर्ण आरक्षण विधेयक का विरोध किया। द्रमुक, माक्सवादी क्म्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पाटी ने फैसले को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा। लेकिन यह प्रस्ताव 18 के मुकाबले 155 मतों से खारिज कर दिया गया। सदन में मौजूद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के साथ ही समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन किया। विरोध करने वालों में अन्नाद्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल और आम आदमी पार्टी शामिल रही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सवर्ण आरक्षण विधेयक के राज्यसभा में पास होने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि बिल को जिस तरह का व्यापक समर्थन मिला, वह देखकर अच्छा लगा। सदन में एक अच्छी बहस देखने को मिली।
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