प्रदेश में स्वाइन फ्लू तेजी से बढ़ता जा रहा है। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और सरकार के दावें पूरी तरह फैल नजर आ रहे हैं। बीते सात दिनों की बात करें तो राजस्थान में स्वाइन फ्लू से 10 लोगों की मौत हो चुकी हैं, वहीं, 300 से ज्यादा पॉजिटिव सामने आ चुके हैं। प्रदेश के मुखिया का इस पर बयान है कि लोग सर्दी जुकाम होने पर तुरंत दवा लें और अपना ध्यान रखें। बात तो ठीक है! लोग जागरुक भी है। लेकिन, गहलोत साहब को अब कौन समझाए कि कोई खुद ही मौत के काल का ग्रास नहीं बन रहा है।
सरकारी तंत्र की लापरवाही का परिणाम प्रदेश में 10 लोगों की मौत बनकर सामने आया है। कल मुख्यमंत्री जी के गृह जिले के ओसियां तहसील में सात साल की मासूम की मौत स्वाइन फ्लू से हो गई है। जरा उस मां के आंसू देखिए गहलोत जी! शायद उस मां की चीख सरकार को दुआ दे रही है। राजस्थान में इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। जहां प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर करोड़ों का बजट है। देश की सर्वोत्तम चिकित्सकीय व्यवस्था जिस प्रदेश में मौजूद हो। वहां इस तरह का वाकया सामने आना बेहद शर्मंदगी भरा है।
गहलोत सरकार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली की तैयारियों में जुटे हैं। शायद वे भूल गए हैं जो लोग मर रहे हैं, और इलाज के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने ही उन्हें वोट देकर सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाया है। सरकार की फिर ऐसी अनदेखी समझ से परे है। शायद इस खबर को पढ़ने के बाद कांग्रेस आलाकमान के कानों पर जूं रेंगे और मौत से जूझ रहे इन मरीजों की सुध ले सकें।
Writer: Prakash Jaiswal