खबर की हेडलाइन आपने पढ़ ली है। तो मामला कुछ कुछ समझ भी आ गया होगा। लेकिन, खबर पढ़ने से पहले आप जान लें अभी सरकार कांग्रेस की है। तो, कांग्रेसी भक्त इसे ना पढ़े नहीं तो उनसे ये बात हज़म नहीं होगी। अब आते हैं खबर पर! तो मामला है 31दिसंबर देर रात्रि का, माने कलैण्डर में 01जनवरी हो चुकी थी। कुछ लोग अच्छे से यानि मस्त वाले होटल से बाहर आते हैं। शराब के नशे में टुन्न है। बाहर आते ही बाहर खड़ी पुलिस की जीप में बैठकर उत्पात मचाने लगते हैं, और मज़े की बात ये है कि ये सब नजारा पुलिस के सामने ही होता है और वो निकम्मों की तरह तमाशबीन बनकर खड़ी रहती है। जी हां! तनिक हिलती भी नहीं है।
मामला मोती डूंगरी थाना इलाके का ही है और जीप भी मोती डूंगरी पुलिस थाना की है। बताया जा रहा है कि होटल में न्यू ईयर की पार्टी के दौरान कुछ युवक शराब के नशे में धुत होकर होटल से बाहर निकले और बाहर खड़ी पुलिस जीप में बैठकर काफी देर तक उत्पात मचाते रहे और पुलिस मूकदर्शक बन देखती रही। घटना के दौरान सबसे ताज्जुब की बात ये रही कि यह सारा घटनाक्रम खुद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की सहमति पर हुआ। ये सब होता देख आसपास मौजूद लोग भी मामला समझ नहीं पाए। इस दौरान कुछ लोगों ने फोटो खींचने का प्रयास किया तो उनके साथ भी मारपीट की गई। बावजूद इसके पुलिस ने युवक—युवतियों पर कोई जवाबी कार्यवाही नहीं की। इस दौरान युवक यवुतियां पुलिस जीप में बैठकर फोटो भी खिंचवाते नजर आए।
जानकारों की माने तो इस पूरे घटनाक्रम के पीछे मोती डूंगरी थाना अधिकारी संजय शर्मा की पूर्ण सहमति जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि शराब के नशे में धुत होकर जीप में बैठने वाले युवक-युवतियां थानाधिकारी के करीबी थे।
घटना के बाद से शहर में चर्चा का माहौल गर्म है, कि लो अब तो कांग्रेस का शासन भी आ गया। अब कानून व्यवस्था क्यों चौपट हो रही है। खैर, इस खबर के बाद एक कहावत याद आ गई। ‘सईया बहे कोतवाल तो डर काहे का’… क्यों सही है ना ?