साल 2014, हिंदी सिनेमा में एक फ़िल्म आयी “हैप्पी न्यू ईयर” जिसका एक डायलॉग था…. “किस्मत बड़ी कुत्ती चीज़ है… *** कभी भी पलट सकती है”। भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है, आज तक कोई नहीं जान पाया है। लेकिन भविष्य को जानने की उत्सुकता सबके मन में रहती है। इसीलिए राजस्थान विधानसभा के चुनावों के बाद राजस्थान की जनता की जिज्ञासा चरम पर है। सब जानना चाहते हैं राजस्थान में किसकी सरकार आने वाली है। इसी चक्कर में सब लोग अलग-अलग तरीके से अपने-अपने विचार और निर्णय निकालने में लगे हैं। लेकिन कोई भी किसी भी प्रकार के निर्णय का ठोक कर दावा नहीं कर रहा। सालों से चली आ रही परंपरा के चलते कई लोग कांग्रेस की सरकार बना रहे हैं, तो नए ज़माने की पीढ़ी बदलती सोच के साथ एक बार फिर भाजपा की सरकार बना रही हैं।
11 दिसम्बर को नतीजे आएंगे, किसे पता क्या होने वाला है? लेकिन कई बार ऐसा हो जाता है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। अब क्रिकेट को ही ले लीजिये। वर्षों से क्रिकेट खेल रही भारतीय क्रिकेट टीम कभी ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ नहीं जीत पायी है। लेकिन इस बार कप्तान विराट कोहली ने दावा किया है, हम टेस्ट मैचों की श्रंखला जीत कर आएंगे। अगर ऐसा हो जाता है, तो भातीय क्रिकेट टीम के हिस्से में एक और रिकॉर्ड शामिल हो जायेगा। ठीक उसी तरह आज राजस्थान की राजनीतिक हालत है। राजस्थान के रिवाज़ के हिसाब से प्रदेश में कोंगे की सरकार बननी चाहिए, लेकिन पिछले पांच-छः सालों में हिंदुस्तान की राजनीति के रिवाज़ जिस प्रकार से टूटते आ रहे हैं। उस हिसाब से तो कुछ भी हो सकता है।
एग्जिट पोल्स पर गौर किया जाये तो कोई कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दे रहे हैं, तो कोई पूर्ण बहुमत से एक दो सीटें कम। लेकिन कोई भी एग्जिट पोल भाजपा का बहुमत नहीं दिखा रहा है। क्या ये वाकई सही है? या फिर पुराने ढ़र्रे के हिसाब से ही लोगों ने एग्जिट पोल लिकल दिए। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है? क्या होगा अगर जैसा सब लोग सोच रहे हैं, वैसा कुछ भी नहीं हो? क्या होगा अगर राजस्थान की राजनीतिक परंपरा टूट जाये? क्या होगा अगर राजस्थान में एक बार फिर भाजपा सरकार बन जाये? क्या होगा अगर वसुंधरा राजे एक बार फिर मुख्यमंत्री बन जाये? क्या होगा कांग्रेस एक बार फिर राजस्थान में सरकार नहीं बना पाए? इन सवालों के जवाब आपके, मेरे या शायद किसी के पास नहीं। लेकिन एक बात तो है! अगर ऐसा हो जाता है, तो राजस्थान ही नहीं हिंदुस्तान के जितने भी राजनीतिक पंडित हैं, उनकी पंडिताई पर सवाल खड़े हो जायेंगे। एक बार फिर राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ जायेगा। जिसका असर ये होगा कि आने वाले सभी चुनावों में तमाम राजनीतिक पार्टियों को राजस्थान के लिए नए समीकरण बनाने पड़ेंगे। नजीता राजस्थान की राजनीति और ज्यादा दिलचस्प हो जाएगी।
लेकिन राजस्थान ही नहीं पूरे हिंदुस्तान की जनता राजनीति को दिलचस्प बनाने से ज्यादा इस बात पर भरोसा करती है कि देश-प्रदेश में विकास हो। आम आदमी को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी किसी का मुहं नहीं ताकना पड़े। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले भारत देश की सबसे बड़ी बिडम्बना यही है। जो आम आदमी हर पांच साल बाद ये सोचकर सरकार बनाता है। ये सरकार तो हमारा भला करेगी, वही आम आदमी अगले पांच सालों तक अपने आपको ठगा सा महसूस करता है। मगर शायद इस बार ये सब बातें नहीं हो और आने वाले पांच साल हमे एक अच्छी और सच्ची सरकार मिले ताकि प्रदेश तरक्की कर सके।
वैसे भी हम भगवान तो नहीं हैं, जो भविष्य बता सकें मगर एक बात ज़रूर बता सकते हैं। जिस दिन हमें भविष्य के बारे पहले से ही पता चल जायेगा तो फिर जिंदगी जीने का मज़ा ख़त्म हो जायेगा, हर इंसान रोबोट बन जायेगा।