राजस्थान की वर्तमान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने वर्ष 2003 में जब पहली बार प्रदेश की बागड़ोर संभाली थी, उस समय उन्होंने इतिहास बदल दिया था। उन्हें राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव पाया था। 2013 में उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। 2013 के चुनावों में उसने विधानसभा की 200 सीटों में से 163 सीटें जीती थीं। यह राजस्थान के चुनावी इतिहास में किसी भी पार्टी का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। अब फिर से भाजपा पार्टी ने वसुन्धराजी के नेतृत्व में चुनाव का शंख फूंक दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर वर्तमान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे फिर से सत्ता की गद्दी पर बैठती हैं तो फिर से इतिहास बदलेंगे और कई रिकॉर्ड टूटेंगे। आइए जानते हैं उनके बारे में…
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लगातार सत्ता में आने वाली पहली मुख्यमंत्री
राजस्थान की राजनीति पर एक नजर डालें तो पता चलेगा कि जहां की जनता ने किसी भी पार्टी या व्यक्ति विशेष को लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का मौका नहीं दिया है। राजस्थानी राजनीति ने देश को भेरोसिंह शेखावत, माननीय वसुन्धरा राजे, मोहन लाल सुखाड़िया और अशोक गहलोत जैसे दिग्गज नेता दिए हैं लेकिन इनमें से कोई भी अभी तक लगातार सत्ता की गद्दी प्राप्त करने में असफल रहा है। अगर आगामी विधानसभा चुनावों में वसुन्धरा राजे बहुमत पाने में सफल होती हैं तो लगातार सत्ता में आने वाली प्रदेश की पहली मुख्यमंत्री बनेंगी।
तीसरी बार पद ग्रहण करने वाली पहली सीएम
जैसाकि पहले भी बताया है, राजस्थान की राजनीति ने देश को कई नामी-गिरामी नेता दिए हैं। परन्तु इनमें से ऐसा कोई नहीं जो तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हो। फिर चाहे बात करें भेरोसिंह शेखावत, जय नारायण व्यास, मोहन लाल सुखाड़िया या फिर अशोक गहलोत। उक्त सभी दिग्गज दो-दो बार मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए हैं। एकमात्र हरि देव जोशी ने तीन बार (1973-77, 1985-88, 1989-90) मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की लेकिन कभी भी 5 साल का समय पूर्ण नहीं किया। 1989-90 में तो वह केवल 91 दिन पद पर रहे। अगर भाजपा चुनावों में जीत प्राप्त करती है तो वसुन्धरा राजे प्रदेश की पहली ऐसी मुख्यमंत्री बनेंगी जिसने तीन बार पूर्णकाल मुख्यमंत्री पद का दायित्व निभाया है।
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