प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान को ताजेवाला हैड से यमुना नदी के उसके हिस्से का पानी मिलेगा। यह पानी पाइपलाइन के माध्यम से राजस्थान आएगा। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि करीब 20 हजार करोड़ रुपए लागत की इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर केन्द्रीय जल आयोग की स्वीकृति मिल चुकी है। जिसकी डीपीआर बनाने का काम इसी माह में पूरा हो जाएगा और बहुत जल्दी ही इस पर काम शुरू होगा। राजे ने सोमवार को चूरू जिले के सादुलपुर (राजगढ़) तथा तारानगर में विशाल जनसभाओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत सादुलपुर क्षेत्र में बांध बनाया जाएगा और इसके पूरा होने से झुंझुनूं, सीकर और चूरू जिले को पेयजल मिलेगा। साथ ही करीब 37 हजार हेक्टयर भूमि को सिंचाई का पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान सहित पांच राज्यों के बीच करीब 24 साल पुराने हुए यमुना नदी जल के बंटवारे के समझौते के तहत राजस्थान को 1917 क्यूसेक के उसके हिस्से का पानी दिलाने में केन्द्र सरकार भी पूरी मदद करेगी।
बूंगी-राजगढ़ पेयजल परियोजना का जल्द होगा लोकार्पण
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि सादुलपुर क्षेत्र की पेयजल समस्या का निराकरण करने का काम हमारी सरकार ने किया। करीब 272 करोड़ रुपए लागत की इस पेयजल परियोजना का लोकार्पण भी जल्द ही हम करने जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट से चूरू जिले के 175 गांव और राजगढ़ कस्बा लाभान्वित होंगे। राजे ने कहा कि राज्य सरकार 36 की 36 कौमों, हर मजहब, हर वर्ग और हर शख्स की उन्नति का लक्ष्य लेकर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने सबको समभाव से देखते हुए बिना किसी भेदभाव के विकास करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री राजे ने राजस्थान को सशक्त, उन्नत और प्रगतिशील बनाने के लिए आमजन का आह्वान किया कि वे विकास के इस सफर को पूरी तरह कामयाब बनाने में हमारी सरकार का साथ दें।
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हमारी सरकार की योजनाओं से हर वर्ग को मिला आर्थिक संबल
मुख्यमंत्री राजे कहा कि हमारी सरकार ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश के करोड़ों लोगों का जीवन बदलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाएं बालिका के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक महिलाओं का संबल बनी हैं। उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान सरकार की भामाशाह योजना, राजश्री योजना, पालनहार योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं, छात्राओं को साइकिल, स्कूटी, लैपटॉप वितरण, छात्रवृत्ति, स्कूल आने-जाने के लिए ट्रांसपोर्ट वाउचर जैसी कितनी ही योजनाएं महिलाओं के जीवन को आसान बनाकर उन्हें शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।