सत्ता पाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं कर बैठते। इतिहास गवाह है, कि कई शासकों ने राजगद्दी और तख्ते शाही हासिल करने के लिए कभी अपनों का खून कर दिया तो कभी अपने राज को ही दूसरों के हाथ बेच गुलाम बना डाला। आज भारत में लोकतंत्र स्थापित होने के सालों बाद भी कुछ लोगों के लिए स्थिति वैसी की वैसी ही है। कुछ चंद गद्दार नेता मिलकर इस देश को बेच देना चाहते हैं। जिनमे सबसे पहला नाम आता है कांग्रेस का। वर्षों पहले एक गाना सुनते थे…! “इंसाफ की डगर पर बच्चों दिखाओ चल के, ये देश है तुम्हारा नेता तुम ही हो कल के।” लेकिन वक़्त के साथ इसके मायने बदल गए। क्योंकि कुछ उद्दंड बालक आज नेता बने बैठे हैं। आज अगर उस गाने को सुने तो उसका मतलब निकलता है…, “हुड़दंग की डगर पर नेता दिखाओ चल के, ये देश है तुम्हारा खा जाओ इसको तल के।”
कांग्रेस ने आयोजित की नीलामी बैठक
राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस की बैठक चल रही थी। बैठक क्या नीलामी चल रही थी राजस्थान की। जिसमे राजस्थान के तमाम कांग्रेसी नेता शामिल थे। कांग्रेस का हर नेता अपने अपने हिसाब से समाज का एक तबका चुन रहा था और बोली लगा रहा था। अशोक गहलोत, सचिन पायलट, रामेश्वर लाल डूडी सहित अन्य कई छोटे मोटे नेता नीलामी में शामिल थे। कांग्रेस के नेताओं ने जिस तरह से बोली लगाई। उससे ये पूरी तरह साबित होता है कि कांग्रेस राजस्थान को कौड़ियों के भाव खरीदकर अपना गुलाम बनाना चाहती है।
गहलोत ने लगाई महिलाओं की बोली
सबसे पहले बोली लगायी अशोक गहलोत ने। उन्होंने प्रदेश की महिलाओं और गृहणियों की बोली लगाई। उन्होंने कहा की पहले तो हम भामाशाह योजना को बंद करेंगे जिससे प्रदेश की महिला फिर से पूर्व की भांति कमजोर होकर पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर हो जाए फिर हम उनको रसोई गैस, राशन, पेंसन और अन्य रोजमर्रा की जरुरी आवश्यकताओं के लिए सरकार के आगे हाथ फ़ैलाने पर मजबूर कर देंगे। जब प्रदेश की महिला ही हमारी गुलाम बन जाएगी तो फिर हम राज्य को बड़ी आसानी से गुलाम बना सकेंगे। फिर धीरे-धीरे हम सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देंगे और राजस्थान को पूरी तरह से हमारे ऊपर आश्रित होने पर मजबूर कर देंगे। राजस्थान के लोग बेगारी और लाचारी से तंग आकर हमारे सामने हाथ फैलाएंगे और भीख मांगेंगे। और हम इस राज्य पर अपनी तानाशाही फिर से काबिज करेंगे।
पायलट ने ख़रीदा बेरोजगारों को
इसके बाद बारी आयी राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट की। उन्होंने राजस्थान की कमर तोड़ने के लिए राज्य के युवाओं की बोली लगायी। क्योंकि किसी भी देश या राज्य के विकास में सबसे अहम योगदान होता है युवाओं का। ये बात उनसे बेहतर और कौन जान सकता है। इसलिए उन्होंने प्रदेश के युवाओं को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई। लेकिन जिस कीमत पर उन्होंने बेरोजगारों को ख़रीदा उसको जानकार तो बेरोजगारी भी शर्मिंदा हो गयी होगी। उन्होंने कहा की हम प्रदेश के हर बेरोजगार युवा को 3500 रुपये प्रतिमाह देंगे। वैसे भी प्रदेश के युवा सड़कों पर फ़ालतू ही तो घूमते हैं। इसलिए हम प्रदेश के बेरोजगारों को गुलाम बनाकर उनसे बेगारी करवाएंगे। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण 6 सितंबर को राजस्थान विधानसभा के सामने देखने को मिला। जहां कांग्रेस द्वारा खरीदे गए तमाम गुलाम अशांति, अराजकता, और अमानवीय कृत्य करते हुए साफ़ देखे गए थे। सचिन पायलट प्रदेश में बाकी बेरोजगारों को भी खरीदकर अपनी लंपट सेना में शामिल करना चाहते हैं। ऐसे में एक सवाल उठता है, कि क्या सचिन पायलट प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को इतना नालायक समझते हैं, कि उन्होंने एक बेरोजगार की कीमत मात्र 3500 रुपये लगाई। या फिर वे खुद को इस लायक नहीं समझते की वो बेरोजगारों को कोई अच्छा रोजगार मुहैया नहीं करवा सकते। फिर तो सचिन पायलट को खुद कौशल एवं आजीविका विकास योजना में भर्ती होना चाहिए ताकि वे खुद इस काबिल बन सकें की किसी के कौशल के अनुसार किसी को कितने रुपये का रोजगार मिलाना चाहिए और कौनसा रोजगार मिलना चाहिए ये जान सकें।
किसी ने समाज को ख़रीदा तो किसी ने किसानों को
इसके बाद कांग्रेस के बचे-कुचे नेताओं ने राजस्थान के अलग-अलग वर्ग की अपने हिसाब से ख़रीददारी की। किसी ने कहा की हम किसानों को फसल के भाव के बदले खरीद लेंगे तो किसी ने किसानों की ज़मीन के बदले बोली लगायी। एक महानुभाव ने तो समाज के नाम पर ही बोली लगा दी। कल SC/ST एक्ट के विरोध में सवर्णों ने भारत बंद किया तो नेताजी ने मौके पर चौका मारा और समाज को खरीदने के एवज में कीमत रखी SC/ST एक्ट में संसोधन। किसी ने पेट्रोल और डीज़ल के बदले में लोगों की बोली लगायी।
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समस्त राजस्थानियों को इसके खिलाफ खड़ा होना होगा
कुल मिलाकर कांग्रेस ने राजस्थान को एक सब्जीमंडी बनाकर रख दिया और औने-पौने दामों में प्रदेश की बोली लगा डाली। इनका बस चले तो ये प्रदेश के एक-एक प्राणी को बेच दें, और प्रदेश को गुलाम बनाकर आये दिन अपनी मनमानी करें। लेकिन राजस्थान की जनता अब पहले की तरह भोली और किसी पर भी आँख बंद करे विश्वास करने वाली नहीं रही। प्रदेश की जनता अब पहले से ज्यादा समझदार और सही गलत की पहचान करने वाली हो गयी है। यहाँ के युवा भी अब किसी के बहकावे में आकर राजनीति के शिकार नहीं होते। वो स्वविवेक का इस्तेमाल करना अच्छी तरह से जानते हैं। इसलिए आज हमे एक सही और ठोस निर्णय की जरुरत है। किस तरह हम सब राजस्थानी मिलकर ऐसे लोगों को अपने राज्य से बाहर खदेड़ सकते हैं। आज हमे एक साथ खड़ा होना होगा ताकि प्रदेश को गुलाम बनाने का सपना देखने वाले ये लोग राजस्थान की भूमि पर जड़ भी नहीं जमा पाए।