राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को राजधानी जयपुर स्थित अमरूदों का बाग में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमने एक उन्नत, समृद्ध और प्रगतिशील राजस्थान का सपना देखा है जो प्रदेश के सभी शिक्षकों के सहयोग और योगदान से पूरा होगा। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि शिक्षक नए राजस्थान के आर्किटेक्ट बनें और अपने काबिल कंधों पर जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश का भविष्य संवारने का काम करें। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित प्रदेश ही विकसित प्रदेश बन सकता है और यह शिक्षकों की मेहनत से ही संभव है। मुख्यमंत्री ने समारोह में सभी शिक्षकों का वंदन करते हुए कहा कि आपकी ही मेहनत और लगन से प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में आज देशभर में 26वें स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से बोर्ड परिणामों में लगातार सुधार हो रहे हैं।
अब प्राइवेट स्कूलें छोड़कर सरकारी स्कूलों में आने लगे हैं विद्यार्थी
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में भी लगातार सुधार हुआ है। 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ी है और इसी का परिणाम है कि निजी स्कूलें छोड़कर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में प्रवेश लिया है। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण काम नहीं था परन्तु शिक्षकों ने अपने घर से दूर रहकर भी शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के उत्थान के लिए 78 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गयी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 87 हजार से अधिक पदों पर और भर्तियां की जा रही हैं जिसके बाद मात्र दो से तीन प्रतिशत पद ही खाली रह जाएंगे। राजे ने शिक्षकों का आह्वान किया कि पांच साल में शिक्षा में सुधार के जो काम शुरू हुए हैं, उन्हें चालू रखें।
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720 स्कूलों में शुरू किए व्यावसायिक शिक्षा कोर्स, 185 नए स्कूलों में और खुलेंगे
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के लिए 720 सैकण्डरी और सीनियर सैकण्डरी स्कूलों में 10 ट्रेड में व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स शुरू किए गए हैं। वर्ष 2018-19 में 185 और नए स्कूलों में भी व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीएड और बीएसटीसी के 2 लाख विद्यार्थियों को भी सरकारी स्कूलों में इंटर्नशिप के लिए लगाया गया है ताकि अच्छे शिक्षक तैयार हो सकें।