मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अपनी राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान बाड़मेर जिले के पचपदरा तहसील को करीब 150 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात दे दी। इन दौरान उन्होंने 15.18 करोड़ रुपए के लोकार्पण के साथ ही 144.62 करोड़ रुपए के शिलान्यास भी अपने कर कमलों से किए। इन विकास कार्यों में गौरव पथ के साथ नई सड़कें और छात्रावास सहित जल शोधन संयंत्र भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जानकारी दी कि बाड़मेर में मेडिकल कॉलेज भी बन रहा है। उसके साथ एक अस्पताल भी बनेगा, जिससे क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाएं बेहतर होगी। बाड़मेर में रिफाइनरी का काम अब तेज गति से चल रहा है। 100 बीघा जमीन अतिरिक्त देकर 100 करोड़ रुपये की लागत से यहां एक प्रशिक्षण एवं कौशल विकास केन्द्र बनाया जा रहा है जो स्थानीय युवाओं को पेट्रोलियम रिफाइनरी संबंधी प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के लायक बनाएगा। इससे रिफाइनरी में स्थानीय युवाओं को ही रोजगार मिलने की संभावना बढ़ेगी।
पीने के पानी की समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि पोकरण-फलसूण्ड-बालोतरा पेयजल परियोजना के माध्यम से जिले के निवासियों को हिमालय का मीठा पानी उपलब्ध कराने का काम किया है। बालोतरा और सिवाना क्षेत्र में अगले 7 दिन में पानी मिलने लगेगा। योजना की लागत 1,427 करोड़ रुपए है। कुछ दिनों में नाकोड़ा और सितम्बर के अंत तक समदड़ी तक भी मीठा पानी पहुंच जाएगा। बाड़मेर लिफ्ट परियोजना से भी बायतू, पचपदरा और समदड़ी क्षेत्र के गांवों को पेयजल उपलब्ध होगा।
राज्य सरकार ने पचपदरा क्षेत्र में नमक उद्योग से जुड़े उद्यमियों के पुनर्वास के लिए 814 बीघा भूमि देने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत पुनर्वास के लिए 5 करोड़ 26 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने चांदसेन के पास रेलवे लाइन पर आरयूबी बनाने की भी घोषणा की। इस पर 2 करोड़ रुपये लागत आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में बाड़मेर नये-नये उद्योगे लगेंगे तथा विभिन्न विकास योजनाओं के चलते यह समृद्ध जिला बन जाएगा। तब यहां शिक्षक, डॉक्टर आदि स्वयं मांगकर पदस्थापन कराएंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने सरकार योजनाओं के लाभार्थियों से भी बात की। बच्ची कुमारी शीतल की बीमारी के बारे में बात करते हुए उसकी मां भावुक हो गई और अपनी बच्ची के दिल में छेद की बीमारी का सफल इलाज होने पर मुख्यमंत्री राजे का आभार व्यक्त किया। इस पर मुख्यमंत्री ने शीतल की मां को गले लगा लिया। शीतल की मां ने बताया कि उसकी बेटी का जयपुर के नारायणा हृदयालय अस्पताल में 9 दिन भर्ती रख निःशुल्क सफल इलाज हुआ, जिस दौरान दवाई के लिए भी उनको कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ा। इसी प्रकार एक अन्य बच्ची विमला ने बताया कि उसका स्वयं का जोधपुर के मेडीपल्स अस्पताल में निःशुल्क इलाज हुआ। मुख्यमंत्री ने कृषि ऋण माफी योजना के लाभार्थी श्री गजेन्द्र और श्री कुम्भाराम से भी बातचीत की। इन किसानों का क्रमशः 35 हजार और 44 हजार रुपये का कृषि ऋण माफ हुआ है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 20 छात्राओं को साइकिल भी भेंट की।
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