राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश के शहीद परिवारों के प्रति सम्मान जताते हुए शहीदों के परिजन को सरकारी नौकरी देने की बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री राजे ने कहा है कि राजस्थान सरकार ने वर्ष 1947 के बाद देश के लिए शहीद हुए लोगों के परिजनों में से कम से कम एक को सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर ऐसा क्षेत्र है, जहां पग-पग पर शहीदों के परिवार रहते हैं। इस भूमि पर आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। राजे ने कहा कि देश पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के सम्मान में 15 अगस्त को आयोजित मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए बाड़मेर, गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर की जनता का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने अपनी राजस्थान गौरव यात्रा के दूसरे चरण के तहत बाड़मेर में आयोजित जनसभा में यह बात कही।
बाड़मेर और शिव के लिए 91 करोड़ के विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री राजे ने बाड़मेर में आयोजित जनसभा कार्यक्रम के दौरान बाड़मेर और शिव विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए लगभग 91 करोड़ रुपए की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने यहां स्थानीय लोगों की मांग पर बाड़मेर में शहरी क्षेत्र की सीमा के विस्तार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बाड़मेर शहर के आसपास के 11 गांव भी अब शहरी क्षेत्र में शामिल हो जाएंगे। राज्य सरकार ने ये निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा आम जनता से पूछकर उनके विकास की योजनाएं तैयार करती है और फिर उन्हें जमीन पर लाने के लिए मेहनत करती है। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि बाड़मेर में रिफाइनरी के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। सरकार ने इसके लिए जमीन, पर्यावरणीय स्वीकृति या वित्तीय संसाधनों की अनुपलब्धता जैसी कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी स्थापित करने के लिए हमने नया करार किया है जिसमें 40 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है। अब वहां जल्द ही एक ऐसा प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित होने वाला है, जिसमें पढ़कर स्थानीय युवा रिफाइनरी में नौकरी हासिल कर सकेंगे। युवाओं को नौकरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
बाड़मेर विधानसभा में बीते चार वर्षों में कराए गए 1500 करोड़ के विकास कार्य
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में गत चार वर्षों में 1500 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र की 51 पंचायत मुख्यालयों में से 40 में उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित हो गए हैं तथा 40 ग्राम पंचायतों में ही ग्रामीण गौरव पथ बनाए गए हैं। राजे ने कहा कि राजस्थान के विकास में राज्य सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। जिले के किसानों को कृषि आदान अनुदान के रूप में 127 करोड़ रुपए के लाभ वितरित किए गए हैं तथा ऐतिहासिक फसली ऋण माफी योजना में किसानों के 35 करोड़ रुपए के ऋण माफ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी क्षेत्रों में समान रूप से अभूतपूर्व कार्य किए हैं। राजे ने कार्यक्रम के दौरान चेतना महिला मंच बाड़मेर की रूमा देवी को मंच पर बुलाकर उसका अभिनन्दन किया। उन्होंने बताया कि रूमा देवी ने अपने साथ जिले की 22 हजार महिलाओं को जोड़कर एक संगठन तैयार किया है जो स्थानीय हथकरघा कर्मियों को प्रोत्साहन दे रहा है। रूमा देवी ने मुख्यमंत्री राजे के प्रोत्साहन देने पर उनका आभार व्यक्त किया।
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राजस्थान की जनता को मुफ्त इलाज देने के लिए 2600 करोड़ रुपये खर्च किए
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान की जनता को नि:शुल्क इलाज और दवाईयों की सुविधा देने के लिए 2600 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान 16 वर्षीय राहुल चौधरी से उनके राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हुए इलाज की जानकारी ली। इसी प्रकार एक अन्य लाभार्थी कुमारी देवली के पिता ने बताया कि उसकी पुत्री का दिल की बीमारी का जोधपुर के मेडीप्लस अस्पताल में निःशुल्क हुआ। मुख्यमंत्री राजे ने सुझाव दिया कि कोई भी आमजन किसी बच्चे की गंभीर बीमारी के बारे में जिला कलक्टर या सरकारी डॉक्टर को जानकारी देकर उसका निःशुल्क इलाज सुनिश्चित करा सकता है। उन्होंने कहा कि जनता के कल्याण की योजनाओं पर खर्च करने के लिए राज्य सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है।
29 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल तथा 10 छात्राओं को साइकिल वितरित की
मुख्यमंत्री राजे ने जनसभा को संबोधित करने से पहले 29 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल तथा 10 छात्राओं को साइकिल वितरित की। राजे ने कहा कि प्रदेश में जो नये 7 मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुए हैं, उनमें से एक बाड़मेर में स्थापित हो रहा है। इस मेडिकल कॉलेज में ओपीडी की सेवाएं शुरू हो गई हैं। जब इन मेडिकल कॉलेजों से पास होकर नये डॉक्टर निकलेंगे तो प्रदेश में चिकित्सकों की कमी भी पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बाड़मेर-जैसलमेर जैसे जिले, जहां कोई शिक्षक, डॉक्टर या अन्य कर्मचारी रहना नहीं चाहता, लेकिन राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों का इतना अधिक विकास किया है कि आने वाले समय में लोग अपनी मर्जी से बाड़मेर-जैसलमेर आकर रहना और नौकरी करना पसंद करेंगे।