राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस चुनावी माहौल बनाने में जुटी हुई है। लेकिन कांग्रेस इस मामले में फिसड्डी साबित होती नज़र आ रही है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जहां अपनी राजस्थान गौरव यात्रा के तहत प्रदेशभर की रथ यात्रा कर जनता के बीच सरकार द्वारा करवाए गए ऐतिहासिक कार्यों को रख रही है, वहीं कांग्रेस अपनी संकल्प रैली के दौरान भाजपा की कमियां लोगों के सामने पेश करने की कोशिश में है। लेकिन अब तक वह पूरी तरह असफल रही है। कांग्रेस ने हाल ही में सांवलियाजी से चुनावी संकल्प यात्रा की शुरुआत की। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे। रैली की शुरुआत में ही सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। कांग्रेस की ओर से भाजपा पर संकल्प रैली में लगाए आरोपों पर पार्टी नेता और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने करारा जवाब दिया है। मंत्री राठौड़ ने कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस के समझदार कार्यकर्ता तो अब यह भी कहने लगे हैं कि कांग्रेस का संकल्प अब भाजपा ही एकमात्र विकल्प।
कांग्रेस की संकल्प रैली से ज्यादा भीड़ तो राजे की राजस्थान गौरव यात्रा में
मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस की संकल्प रैली पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस रैली में लोगों को बुलाने के बाद भी भीड़ नहीं जुट पाई। इससे ज्यादा भीड़ तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा में नजर आ रही है। मंत्री राठौड़ ने कहा कि ‘कांग्रेस ने अपनी संकल्प रैली में 32 विधानसभा क्षेत्रों से लोगों को बुलाया था। इसके बाद भी वह भीड़ नहीं जुट पाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के संभाग स्तर की रैली में इतने लोग नहीं आये। इससे ज्यादा भीड़ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की विधानसभा स्तर की सभा में नजर आती है। ये लोग बोलने के बाद नहीं बल्कि अपने आप उत्साह के साथ चले आते हैं।’ मंत्री राठौड़ ने कहा कि भाजपा की गौरव यात्रा से कांग्रेस घबरा गई है। उसे अपनी जमीन खिसकती नज़र आ रही है, इसलिए जगह-जगह रैलियां की जा रही है।
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कांग्रेस की गुटबाजी चुरू सभा में भी आई नज़र
मंत्री राठौड़ ने कांग्रेस की संकल्प रैली को असफल करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस रैली में अलग अलग जगहों से लोगों को बुलवा रही है। फिर भी कांग्रेस की रैली में भीड़ नहीं जुट रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी चुरू की सभा में भी नज़र आ गई। राठौड़ ने कहा कि चुरू की सभा में कांग्रेस का एक खेमा अशोक गहलोत के नारे लगा रहा था, तो दूसरा पायलट के। इससे कांग्रेस के नेताओं के बीच चल रही आपसी गुटबाजी साफ नज़र आती है। जिस पार्टी के नेताओं में एकता नहीं है वो प्रदेश का क्या विकास कराएंगे। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस अपनी संकल्प रैली के माध्यम से सभी वरिष्ठ नेताओं को एक मंच पर बैठाकर सामूहिक नेतृत्व का सदेश देना चाहती थी, लेकिन न ही तो भीड़ जुटा पाई और नहीं गुटबाजी को रोक सकी। बता दें, राहुल गांधी के जयपुर में रोड़ शो, चित्तौड़गढ़ में संकल्प रैली के बाद कांग्रेस की तीसरी सभा चुरू में थी लेकिन लोगों की खासी भीड़ नहीं जुटा सकी।