कहा जाता है ना की वो कौन सा जानवर है जिसकी दुम को 5 साल तक नली में डालकर रखो फिर भी टेडी की टेडी ही रहती है। वही हाल कांग्रेस का हो चुका है। ये लोग कभी जनता का मनोरंजन करते थे। लेकिन अब…, कभी धर्म की राजनीति करते हैं। तो कभी घोटाला-घोटाला खेलते हैं। आज हम ऐसे ही एक घोटाले की बात करते हैं। जो कांग्रेस ने खुद अपने ही खिलाफ कर डाला।
कांग्रेस का ये घोटाला शुरू होता है, 3 अगस्त 2018 को जब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान गौरव यात्रा की घोषणा की कि 4 अगस्त से यात्रा की शुरुआत की जाएगी। तब कांग्रेस ने भी एक घोषणा की, कि चालीस दिन की गौरव यात्रा में सरकार से चालीस सवाल पूछेगी। कांग्रेस ने सवाल भी पूछने शुरू कर दिए थे। लेकिन सवाल भी ऐसे की कोई 10वीं कक्षा का छात्र भी उनके जवाब दे सकता है। सवाल थे बहुत ही बेतुके और आधारहीन जिनका वास्तविक घटनाओं और जीवित व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नहीं। किसी घटना और व्यक्ति के साथ इसकी समानता होती भी है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जायेगा।
अब घोटाला ये शुरू होता है कि राजस्थान गौरव यात्रा के अब तक 9 दिन पूरे हो चुके हैं। और गौरव यात्रा की सफलता से कांग्रेस में इतनी हड़बड़ी मच गयी कि कांग्रेस ने नौ दिनों में ताबड़तोड़ 11 सवाल पूछ डाले। मगर ग्यारह में से दो सवालों का कांग्रेस घोटाला कर गयी। मतलब सवाल संख्या छः और साल संख्या नौ लापता है। यानि की पूरे दो सवालों का घोटाला कांग्रेस ने नाम दर्ज़ हो चुका है। अब मामला ये उठता है की दो सवाल कहाँ गए। उनको धरती निगल गयी या आसमान खा गया। या फिर यहाँ भी कांग्रेस ने कालाबाज़ारीकर दी और दो सवालों को स्विस बैंक में जमा करा दिया। हर सवाल का दो टूक जवाब हाज़िर है : –
आइये अब बात करते हैं उन सवालों की जिनको जो कांग्रेस, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से पूछ रही है।
पहला सवाल : – जनता की गाढ़ी कमाई से पार्टी के प्रचार की गौरव यात्रा का ख़र्च क्यों वहन करवाया जा रहा है?
जवाब : – गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया यात्रा शुरू होने से पहले ही कह चुके थे, और बाद में भाजपा प्रदेशाध्यक्षमदन लाल सैनी ने भी स्पष्ट किया कि राजस्थान गौरव यात्रा का पूरा ख़र्च भारतीय जनता पार्टी उठाएगी तथा यात्रा के दौरान कहीं कोई विकास कार्यों का उदघाटन, शिलान्यास या लोकार्पण किया जाता है तो वो ख़र्चा सरकारी कोष से किया जायेगा। इसके बावजूद भी कांग्रेस ने सवाल पूछ कर अपनी मूर्खता सिद्ध कर दी।
दूसरा सवाल : – क्या यह माना जाये कि मंदिरों की चर्चा व चिंता आप लोग सिर्फ चुनावों में राजनैतिक लाभ लेने के लिए करते हैं?
जवाब : – यह हिंदुस्तान की संस्कृति रही है, कि जब हम किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करते हैं तो ईश्वर का स्मरण कर उसका आशीर्वाद लेकर करते हैं। लेकिन सिर्फ चुनावों में राजनैतिक लाभ लेने के लिए धर्म की राजनीति तो कांग्रेस करती है। भाजपा हमेशा से ही मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करती आयी है। जबकि धर्म को राजनीति बनाने के लिए इसकी शुरुआत कांग्रेस ने ही की थी। गुजरात चुनावों से।
तीसरा सवाल : – खान पान, शिक्षा, चिकित्सा, उच्च शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, श्रम एवं रोज़गार, समाज कल्याण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, एनआरएचएम सहित अन्य विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर जवाब दें मुख्यमंत्री?
जवाब : – साल 2013 तक एक वक़्त था जब इन सब विभागों में भ्रष्टाचार व्याप्त था क्योंकि सत्ता पर देश की भ्रष्टाचारी पार्टी के लोग क़ाबिज़ थे। लेकिन जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तब से प्रत्येक विभाग को ऑनलाइन कर दिया गया है। परिणामस्वरूप सभी कार्यों का लेखा-जोखा समय-समय पर जनता के सामने रख दिया जाता है। सभी सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं को भामाशाह योजना से जोड़कर मिलने वाला लाभ सीधे लाभार्थी के खाते में जमा करा दिया जाता है। ऐसे में भ्रष्टाचार तो सिर्फ़ उन कांग्रेस विधायकों के लिए हुआ है जिन्हे घोटाले करने का मौका ही नहीं मिला।
चौथा सवाल : – कर्ज़ में डूबे किसान की ज़मीन की कुर्की का आदेश देकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने वाली मुख्यमंत्री बतायें की इससे प्रदेश का कौन सा गौरव बढ़ रहा है?
जवाब : – कोई व्यक्ति किसी बैंक से क़र्ज़ लेता है तो उसे चुकाना भी पड़ता है। जब क़र्ज़ नहीं चुकाया जाता तो इस स्थिति में बैंक को अधिकार है की उस संपत्ति को अधिग्रहित कर सकते है जिसके आधार पर क़र्ज़ लिया गया हो। लेकिन किसानों के मामले में बात थोड़ी अलग है। क्योंकि हर बार फसल इतनी अच्छी नहीं होती की वो बैंक का क़र्ज़ चुका सके। ऐसे में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आदेशानुसार अब प्रदेश के 24 लाख़ 7 हज़ार किसानों का सात हज़ार 338 करोड़ 24 लाख़ रुपये का पचास हज़ार तक का पूरा क़र्ज़ माफ़ कर दिया गया है। तथा किसानों को और क़र्ज़ लेने के लिए भी छूट दे दी है।
पांचवा सवाल : – पिछले चार सालों में प्रदेश को 2 लाख 29 हजार करोड़ के कर्ज में डुबोकर मुख्यमंत्री, राजस्थान का गौरव बढ़ाने का दावा कैसे कर सकती हैं?
जवाब : – पिछले चार सालों में राजस्थान में इतने विकास कार्य हुए, जितने पिछले चालीस सालों में नहीं हो पाए। वर्ष 2017-18 की आर्थिक समीक्षा के आधार पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 8 लाख 40 हजार 263 करोड़ रुपए आंका गया। एवं प्रति व्यक्ति आय में भी पिछले वर्ष की तुलना में 9 फीसदी से अधिक का इज़ाफ़ा हुआ। जो कांग्रेस की सरकार से समय से कहीं अधिक है। क़र्ज़ में तो प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश को कांग्रेस ने डुबोया था। दस सालों में देश का बँटाधारकर दिया।
छठा सवाल : – गायब!
जवाब : – ना कांग्रेस को कोई फ़र्ज़ी आंकड़े मिले और ना ही कोई झूठी ख़बर।
सातवां सवाल : – प्रत्येक वर्ग के कर्मचारियों से वादा खिलाफी की, कर्मचारियों का कोई वर्ग सरकार से खुश नही, सरकार ने किसी वर्ग के साथ संवाद नही करके उनकी समस्याओं को लंबित रखा, क्या कर्मचारी विरोधी होना आपके लिए गौरव की बात है?
जवाब : – ना तो 2003 से 2008 के दौरान, ना 2013 से अब तक और ना ही भाजपा सरकार के किसी भी कार्यकाल में कर्मचारी नाखुश थे और न ही कभी उन्होंने भाजपा सरकार का विरोध किया। जबकि श्रीमान अशोक गहलोत के दोनों बार के कार्यकाल में प्रदेश के कर्मचारियों ने हड़ताल की थी। ऐसे में जनता भली भांति ये समझ सकती है की कर्मचारी किसका विरोध करते हैं।
आठवां सवाल : – 15 लाख रोजगार देना संभव नही था तो भाजपा ने वादा क्यों किया, रोजगार देना तो दूर मुख्यमंत्री ने सभी बेरोजगारों को “फंगा तक कहा, उन पर मुकदमे तक दर्ज किए, क्या बेरोजगार युवाओं पर लाठियां बरसाना भाजपा का गौरव है?
जवाब : – पिछले पांच सालों से भी कम समय में भाजपा सरकार ने प्रदेश में 15 लाख़ से भी अधिक युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराये हैं। जिनमे से 1 लाख 80 हज़ार लोगों को सरकारी नौकरियां भी दी गयी। इतना ही नहीं प्रदेश के जो युवा रोजग़ार के क़ाबिलनहीं थे उनको भी कौशल एवं आजीविका विकास के अंतर्गत योग्य बनाकर रोज़गार दिए गए। जबकि कांग्रेस के कार्यकर्ता NSUI के साथ मिलकर युवाओं को बरगलाकरउन्हें भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ भड़कना चाहती है। जिसके लिए NSUI राजधानी में अशांति फैलाने की कोशिश करती रही है।
नौवां सवाल : – लापता।
जवाब : – कांग्रेस, राहुल गाँधी की यात्रा के लिए 150 रुपये में भीड़ इकट्ठी करने में व्यस्त।
दसवां सवाल : – बाड़मेर से भरतपुर तक अवैध बजरी खनन से सरकारी खजाने को हो रहे नुकसान व जनता से 12 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की हुई लूट पर क्या मुख्यमंत्री गौरव महसूस करती है?
जवाब : – राज्य में बजरी खनन पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गयी है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आना अभी बाकी है। लेकिन बजरी खनन के लिए जितने भी नियम और कानून बनाये गए थे। वो तो कांग्रेस द्वारा ही बनाये गए थे। ऐसे में राज्य के सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान और जनता के साथ हुई 12 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की लूट कि ज़िम्मेदार भाजपा नहीं कांग्रेस है।
ग्यारहवां सवाल : – बाड़मेर रिफाइनरी के कार्य को 4 साल बाद शुरू करके मारवाड़ की जनता के हितों को नुकसान पहुंचाने व प्रदेश की आर्थिक उन्नति को बाधित करने पर क्या मुख्यमंत्री जी आप गौरव महसूस करती हैं?
जवाब : – अब तो कांग्रेस ने हद ही कर दी। एक तो बाड़मेर रिफाइनरी को चुनावी फायदा बनाने के लिए साल 2013 के विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लागू होने के ठीक पांच दिन पहले इसकी घोषणा की। लेकिन कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, रिफाइनरी का काम शुरू नहीं करवा पाए। दूसरा ये कि रिफाइनरी कई मायनों में तकनीकी रूप से बेहतर नहीं थी व बीएस 3 के मानक पर थी। जिसके बंद हने का अंदेशा था। जबकि अब लगने वाली रिफाइनरी पहले के एमओयू की तुलना में तकनीकी रूप से बेहतर और इको फ्रेंडली बीएस 6 के मानक पर आधारित है। साथ ही भाजपा सरकार द्वारा तय किये गए नए एमओयू से प्रदेश को लगभग 40 हज़ार करोड़ की बचत होगी।
अब मुद्दा ये उठता है की कांग्रेस के तमाम सवालों के जवाब तो बीजेपी ने तुरंत दे दिए। मगर जो दो सवालों का घोटाला कांग्रेस ने किया है। उसका जवाब कौन देगा। कहां लापता हैं वो दो सवाल ? क्या कांग्रेस का घोटाला प्रेम इतना बढ़ चुका है। या फिर इनके मानसिक संतुलन में घोटाला हो चुका है। ख़ैर…! जब कांग्रेस अपने घोटाले करने की आदत नहीं छोड़ सकती तो फिर सत्ता में आकर भी वो घोटाले ही करेगी। ऐसे में जनता अपने स्वविवेक से काम लें।
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