हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने महिला सुरक्षा व बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म और अत्याचारों को लेकर वसुंधरा सरकार पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया के माध्यम से पायलट ने दावा किया है कि भाजपा राज में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा रही है और ये स्थिति काफी भयावह रूप ले चुकी है।
आइए जानते हैं कि सरकार पर निशाना साधने वाले पायलट का दावा कितना सच और कितना झूठ है…
दावा- महिला सुरक्षा व बच्चियों के साथ दुष्कर्म को लेकर राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए हैं।
हकीकत- वसुंधरा सरकार ने राजस्थान में 12 साल या उससे कम उम्र की लड़कियों से रेप के दोषियों को फांसी की सजा के प्रावधान वाले बिल को मंजूरी देकर दुष्कर्म के खिलाफ सबसे सख्त कदम उठाया है। महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सरकार इतनी संवेदनशील है कि महिला हिंसा व अपराध का केस तुरंत दर्ज कर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। स्कूल व कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए महिला सुरक्षा गश्ती दल की व्यवस्था की है। महिला गरिमा हैल्पलाइन व सार्वजनिक जगहों पर कैमरों की सुविधा सहित कई ऐसे निर्णय लिए गए हैं जिससे महिलाएं आज स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही है।
दावा- सत्ता में आने के बाद कांग्रेस हर जिले में पॉक्सो कोर्ट खोलेगी।
हकीकत- वास्तविकता तो यह है कि बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों के मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए वसुंधरा सरकार पहले ही प्रदेश में करीब 35 पॉक्सो अदालतें खोलने को मंजूरी दे चुकी है। सभी जिलों में एक- एक पॉक्सो कोर्ट के साथ जयपुर और जोधपुर में दो- दो पॉक्सो कोर्ट खोलने पर मुहर लगाई जा चुकी है।
निष्कर्ष- वसुंधरा सरकार हमेशा से महिला एवं बच्चियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सदैव ठोस निर्णय लेती रही है। राजस्थान देश का दूसरा राज्य है जहां नाबालिग से दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड देने वाला विधेयक पारित हुआ। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी राज्य सरकार ने बीते साढ़े चार वर्षों में महत्त्वपूर्ण फैसले लिए हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि महिला व बच्चियों की सुरक्षा को लेकर वसुंधरा सरकार पर लगाए गए पायलट के आरोप निराधार व सत्यता से परे हैं। पायलट का दावा 85 प्रतिशत झूठा है।
सच्चाई: 15 % झूठ: 85%
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