राज्य सरकार के लैंड पूलिंग स्कीम्स एक्ट को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। लैंड पूलिंग स्कीम्स एक्ट बिल 5 अप्रैल 2016 को राज्य विधानसभा में पारित हो गया था, तब से ही राष्ट्रपति की मंजूरी के अभाव में अटका पड़ा था। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बिल का नोटिफिकेशन जारी होगा, जिसके बाद लैंड पूलिंग स्कीम्स के नियम बनाए जाएंगे। योजना के तहत 55:45 की तर्ज पर काम होगा। लैंड पूलिंग स्कीम्स एक्ट में शहरी क्षेत्रों में जमीन अधिग्रहण की जगह खातेदारों की सहमति से लैंड पूल का प्रावधान बनाया जाएगा। शहरी निकाय इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की योजना के लिए जमीन को अधिग्रहित करने की जगह जमीन मालिकों की सहमति लेकर लैंड पूलिंग योजना के तहत जमीन ली जाएगी। इसके बाद राज्य सरकार जमीन मालिकों को विकसित जमीन वापस दे देगी।
55 फीसदी विकसित भूमि जमीन मालिक को वापस करने का प्रस्ताव
राजस्थान सरकार लैंड पूलिंग एक्ट के तहत जमीन मालिकों से जमीन लेगी। इसके बाद योजना में सुविधाएं विकसित करने के लिए जितनी भूमि काम में ली जाएगी उस भूमि को सभी जमीन मालिकों का हिस्सा मानते हुए लैंड पूल की जाएगी। इस एक्ट में सरकार द्वारा 55 फीसदी विकसित भूमि जमीन मालिक को वापस करने का प्रस्ताव है। इस प्रावधान से जमीन अधिग्रहण में लगने वाला समय और पैसा भी बच सकेगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल शहरों में केंद्र सरकार ने लैंड पूलिंग एक्ट के प्रावधान लागू करने के निर्देश पहले ही दे चुकी है। बता दें, लैंड पूलिंग एक्ट लागू होने से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन लेना आसान होगा।
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इससे पहले जमीन अधिग्रहण का नया कानून आने के बाद शहरी निकायों को इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन अधिग्रहण करने में काफी मुश्किलें आ रही थी, नए भूमि अधिग्रहण कानून में मुआवजा बढ़ने से प्रोजेक्ट लागत में भी बढ़ोतरी आ गई थी। लेकिन अब लैंड पूलिंग स्कीम्स एक्ट को मंजूरी मिलने के बाद शहरों में विकास कार्यों के लिए भूमि लेना बेहद आसान हो जाएगा।