राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस का मेरा बूथ मेरा गौरव सम्मेलन अब गौरव का नहीं बल्कि शर्म का प्रतीक बनता जा रहा है। स्थानीय नेताओं की दबंगई और टूटते संगठन के चलते समर्थक व नेता आपस में ही भिड़ रहे हैं। पिछले एक महीने में करीब 7 जिलों में हुए मेरा बूथ मेरा गौरव सम्मेलन में राजनीति पर चर्चा तो नहीं हुई लेकिन टिकटों की होड़ के लिए संघर्ष और शक्ति प्रदर्शन जरूर देखने को मिला। प्रदेश कांग्रेस चीफ सचिन पायलेट का कार्यकर्ताओं को एकजूट करने का यह अभियान केवल मारपीट और तू-तू मैं-मैं का अखाड़ा बनकर रह गया है।
ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला बुधवार को टोंक में, जहां कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही लड़ पड़े। इतना ही नहीं, जमकर लात-घूंसे भी चले। इसल में जिले के मालपुरा में मेरा बूथ मेरा गौरव सम्मेलन आयोजित हुआ था। यहां स्थानीय नेता अपने पूरे दमखम और शक्ति प्रदर्शन के साथ पहुंचे थे। इसी बीच किसी बात पर कांग्रेस नेता रामविलास चौधरी और डॉ.चंद्रभान के समर्थक आपस में भिड़ गए और फिर वह हुआ जिसके लिए कांग्रेस का मेरा मूथ मेरा सम्मान सम्मेलन जाना जाता है। यहां जमकर हाथापाई हुई। वहां मौजूद पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे भी यह सब नहीं रोक पाए। बताया जा रहा है कि लोगों ने पार्टी प्रदेश प्रभारी तक को नहीं छोड़ा और उन्हें मंच ने नीचे उतार दिया।
जयपुर में प्रदेश महासचिव ज्योति खंडेलवाल भी मेरा बूथ मेरा गौरव सम्मेलन में पूर्व सांसद अश्क अली टाक से उलझ चुकी हैं। इससे पहले जयपुर, बीकानेर, नागौर और हाल ही में चूरू में आयोजित मेरा बूथ मेरा गौरव कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं के बीच जमकर लात-घूसे चल चुके हैं। महीनेभर पहले शाहपुरा में भी कांग्रेस के दो नेताओं के समर्थकों के बीच भी मारपीट हुई थी। इतना ही नहीं, यहां पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संदीप चौधरी भी इसकी चपेट में आ गए थे और उनकी जमकर पिटाई हुई थी। राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वर्तमान पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के बीच खींचतान भी किसी से छूपी नहीं है।
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