वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने प्रदेश में नवाचारों के लिए बड़े कदम उठाए हैं। सोमवार से स्कूली बच्चों के लिए शुरू की गई ‘अन्नपूर्णा दूध योजना’ से नवाचारों की कड़ी में एक और योजना का नाम जुड़ गया है। यही नहीं राजस्थान स्कूलों में 8वीं क्लास तक के बच्चों के पोषण के लिए अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू करने वाला देश का पहला राज्य भी बन गया है। अब तक देश में कहीं भी इस तरह की योजना स्कूली बच्चों के लिए नहीं चल रही है। राज्य सरकार की इस योजना का मकसद स्कूली बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचाना हैं। राजे सरकार की इस योजना का लाभ प्रदेश के 62 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलेगा। वर्तमान सरकार की इससे पहले कई योजनाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल चुकी है। ऐसे में देश की इस प्रकार की पहली अन्नपूर्णा दूध योजना को सराहा जाना तय है।
66 हजार 506 स्कूलों के 62 लाख से अधिक बच्चों को मिलेगा ताजा दूध
प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को जयपुर के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, दहमी कलां में अन्नपूर्णा दूध योजना की शुरूआत स्कूली बच्चों को दूध पिलाकर की। प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्रभारी मंत्रियों और ब्लॉक स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस योजना का शुभारंभ किया। योजना की शुरूआत के साथ ही अब प्रदेश के सभी 66 हजार 506 स्कूलों के 62 लाख से अधिक बच्चों को मीड-डे-मिल योजना के तहत दूध पिलाया जाएगा। इनमें स्कूलों, मदरसों, स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर्स में कक्षा 1 से 8 वीं तक के बच्चों को सप्ताह में 3 दिन ताजा दूध वितरित किया जाएगा।
अन्नपूर्णा दूध योजना हमारे खुशहाल और स्वस्थ भविष्य की नींव
अन्नपूर्णा दूध योजना के राज्य स्तरीय शुभारंभ समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि यह योजना हमारे खुशहाल और स्वस्थ भविष्य की नींव है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सही पोषण मिले इसके लिए उनके माता-पिता रात-दिन मेहनत करते हैं। लेकिन अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों, मदरसों आदि में पढ़ने वाले करीब 62 लाख बच्चों के अभिभावकों को यह चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमारे नौनिहालों के लिए सरकार ने अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की है। जब ये बच्चे मिड-डे मील के साथ दूध पीकर स्वस्थ बनेंगे, तो हमारा आने वाला कल बेहतर होगा। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि मैं भी एक मां हूं और मैं जानती हूं कि अपने बच्चे को तंदुरूस्त देखने का सुख क्या होता है। उन्होंने कहा कि आज से 8वीं कक्षा तक के सभी सरकारी स्कूलों, मदरसों आदि में पढ़ने वाले हर बच्चे को सप्ताह में तीन दिन ताजा, शुद्ध और पौष्टिक गर्म दूध मिलेगा।
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मुख्यमंत्री ने इस योजना में महिला दुग्ध उत्पादक समितियों के जरिए दूध की आपूर्ति को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक माता अपने बच्चों के दूध के लिए गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करतीं। उसी तरह महिला दुग्ध उत्पादक समितियों से जुड़ी महिलाएं भी गुणवत्ता बनाए रखेंगी। सीएम राजे ने कहा कि अब मिड-डे मील योजना के साथ अन्नपूर्णा दूध को जोड़ने से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार तो होगा ही, स्कूलों में नामांकन और ठहराव भी बढ़ेगा।