राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर भारत में बसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के हिन्दू विस्थापितों को नागरिकता देने की प्रक्रिया को और तेज एवं सरल करने का आग्रह किया। केन्द्रीय गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि हिन्दू विस्थापितों के नागरिकता संबंधी मुद्दों पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय सकारात्मक रुख अपनाते हुए शीघ्र निर्णय करेगा। सीएम राजे ने केन्द्रीय गृह मंत्री को बताया कि राजस्थान के विभिन्न जिलों में ऐसे अनेक विस्थापितां के आवेदन लंबित हैं।
गृह मंत्रालय ने तीन जिलों के जिला मजिस्ट्रेट को नागरिकता देने के दिए अधिकार
गृह मंत्रालय ने राज्य के तीन जिलों जयपुर, जोधपुर एवं जैसलमेर के जिला मजिस्ट्रेट को इन विस्थापितों को स्थायी रिहाइश एवं भारतीय नागरिकता देने के अधिकार दिए हैं। शेष जिलों के लिए राज्य के गृह सचिव को अधिकृत किया गया है। गजट नोटिफिकेशन से दो वर्ष की अवधि तक ही यह अधिकार सीमित हैं। सीएम राजे ने इस अवधि को एक वर्ष और बढ़ाने का सुझाव दिया। साथ ही राज्य के उदयपुर, पाली, जालोर, अलवर एवं बाड़मेर के जिला मजिस्ट्रेट को भी यह अधिकार देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री राजे ने स्थायी नागरिकता के इच्छुक इन विस्थापितों के लॉन्ग टर्म वीजा की पांच वर्ष की अवधि को बढ़ाने के अधिकार भी राज्य सरकार के स्थान पर संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को देने की राय रखी।
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पहली बार जारी किए जाने वाले लॉन्ग टर्म वीजा की प्रक्रिया में तेजी लाने का सुझाव
सीएम राजे ने बताया कि नागरिकता देने से पहले आईबी की रिपोर्ट केन्द्रीय गृह मंत्रालय से आने में काफी समय लगता है। इसके लिए अगस्त 2017 में केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देशों को लागू करते हुए आईबी रिपोर्ट की एक प्रति सीधे ही जिला मजिस्ट्रेट को भिजवाने के लिए निर्देश दिया जाना उचित होगा। उन्होंने गृह मंत्रालय द्वारा पहली बार जारी किए जाने वाले लॉन्ग टर्म वीजा की प्रक्रिया में भी तेजी लाने का सुझाव दिया।