महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को बड़े जश्न के रूप में मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। इस सिलसिले में बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजन समिति के सभी सदस्यों की पहली बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जन्म शताब्दी समारोह आयोजन के लिए गठित राष्ट्रीय समिति की बैठक में भाग लिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
पीएम ने गांधीजी के विचारों को जीवन में उतारने और जन-जन तक पहुंचाने पर दिया जोर
आयोजन समिति की पहली बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी जैसे महापुरुष को सिर्फ सम्मान देना काफी नहीं है, बल्कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आम लोगों के जीवन का हिस्सा बनें। सूत्रों के अनुसार बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को सिर्फ खानापूर्ति की तरह नहीं, एक जनआंदोलन की तरह मनाना चाहिए। बैठक में पीएम मोदी ने महात्मा गांधी के विचारों को जीवन में उतारने और उसे जन-जन तक पहुंचाने पर जोर दिया। वहीं, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सभी 193 देशों में गांधी जयंती के अवसर पर कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी दी। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि महात्मा गांधी ने देश के लिए अपनी जान दे दी। उन्होंने एक ऐसे आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे हमारी पीढ़ियां आजाद हवा में सांस ले रही है और जीवंत लोकतंत्र में रह रहे हैं।
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गांधीजी की अहमियत सिर्फ भारत को आजादी दिलाने तक सीमित नहीं: राष्ट्रपति
आयोजन समिति की बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी की अहमियत सिर्फ भारत को राजनीतिक आजादी दिलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने आर्थिक, सामाजिक, जातिगत व धार्मिक सभी तरह का भेदभाव खत्म कर बेहतर भारत के निर्माण की राह भी दिखाई थी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव दिया कि इस दौरान आयोजन समिति के मातहत एक छोटी समिति का गठन किया जाना चाहिए ताकि उसकी बैठक जल्दी-जल्दी हो और त्वरित फैसले लिए जा सके। बुधवार को 124 सदस्यीय आयोजन समिति की बैठक में 84 सदस्य मौजूद रहे। दक्षिण में तमिलनाडु को छोड़कर केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने राजनीतिक कारणों से अनुपस्थिति की सूचना दी थी। बैठक में संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा उपस्थित नहीं थे।