राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रदेश के वन क्षेत्रों में लम्बे समय से बसी आबादी में लोगों को राहत देने के लिए जिला कलक्टर भूमि के डायवर्जन के प्रस्ताव वन विभाग को भेजें। जिससे उस क्षेत्र में बसे लोगों की समस्या का अतिशीघ्र निराकरण हो सके। सीएम राजे ने गैर मुमकिन पहाड़ क्षेत्रों का किस्म परिवर्तन किए जाने के भी निर्देश दिए हैं, जहां वर्षों से आबादी बसी हुई है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सीकर जिले के चार दिवसीय दौरे के पहले दिन नीम का थाना विधानसभा क्षेत्र के लोगों से संवाद कार्यक्रम के दौरान पाटन में यह बात कही। उन्होंने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान कहा कि आगामी 1 मई से शुरू होने वाले न्याय आपके द्वार अभियान में प्रदेश भर में रास्तों के विवादों का निस्तारण किया जाए। इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी दिए।
120 करोड़ लागत से बनेगी कोटपूतली-नीमकाथाना फोरलेन सड़क
सीएम राजे ने नीमकाथाना क्षेत्र के लोगों से संवाद करते हुए कोटपूतली से नीमकाथाना के बीच 35 किलोमीटर लम्बी सड़क को फोरलेन किए जाने की घोषणा की। इस सड़क के फोरलेन होने से सालासर, खाटूश्यामजी एवं जीणमाता जाने वाले दर्शनार्थियों को सुविधा होगी। दरअसल, जनसंवाद कार्यक्रम में स्थानीय लोगों से चर्चा के दौरान इस सड़क पर खनिज वाहनों के भारी दबाव के कारण फोरलेन सड़क की मांग की गई थी। मुख्यमंत्री ने इसे तुरंत मंजूर करते हुए बीओटी आधार पर बनने वाली सड़क को दो लेन से चार लेन बनाने के निर्देश दिए। राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम के द्वारा बनाई जाने वाली यह सड़क करीब 120 करोड़ रूपये की लागत से बनेगी। सीएम राजे ने लोगों की मांग पर पाटन तथा रायपुर गांव के चिकित्सालयों में चिकित्सा व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जहां चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की कमी है, उसे शीघ्र ही दूर किया जाए।
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नवोदय के विद्यार्थियों का बढ़ाया हौंसला, पेयजल समस्याओं का अतिशीघ्र निराकरण होगा
सीएम राजे ने जवाहर नवोदय विद्यालय, पाटन के परिसर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम के बाद इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ बातचीत की। उन्होंने खेलों, अकादमिक और अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले 9 विद्यार्थियों को पारितोषिक देकर सम्मानित भी किया। इससे पहले सीएम राजे ने जनसंवाद कार्यक्रम में कहा है कि नीमकाथाना क्षेत्र के लोगों की पेयजल समस्या का हर हाल में समाधान होना चाहिए। क्षेत्रीय लोगों ने उन्हें बताया कि कई स्थानों पर पेयजल की टंकियां हैं और पाइप लाइन भी डली हुई है लेकिन पानी के स्रोतों से जुड़ी हुई नहीं हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को ऐसी समस्याओं का तत्काल निराकरण किए जाने के निर्देश दिए।