राजस्थान में ग्राम पंचायतों को व्यावसायिक पट्टा जारी करने और भू रूपान्तरण का अधिकार मिल गया है। इसी के साथ ही राजस्थान पंचायतों को लैंड यूज चेंज का अधिकार देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। राज्यपाल कल्याण सिंह की मंजूरी के बाद इससे संबंधित अध्यादेश लागू हो गया है। राज्य सरकार ने अध्यादेश लागू होने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब तक पंचायतों को उनके क्षेत्र में फ्री होल्ड पट्टे जारी करने का ही अधिकार था, लेकिन अब पंचायत राज अधिनियम में संशोधन होने से ग्राम पंचायत नए व्यावसायिक पट्टे जारी कर सकेंगी। इसके बाद अब शहरी निकायों की तर्ज पर पंचायतें भी आबादी भूमि पर होटल, रिसोर्ट, एम्यूजमेंट पार्क, इंडस्ट्री, अस्पताल और मॉल्स के लिए भूमि उपयोग बदल सकेगी। बता दें, इससे पहले तक पंचायतों को आबादी भूमि का उपयोग बदलने का अधिकार नहीं था।
नेशनल और स्टेट हाइवे से लगते गांवों में आ सकेंगे बड़े प्रोजेक्ट्स
राज्य सरकार के पंचायतीराज एक्ट में संशोधन करने के बाद अब गांवों में पुराने गढ़, किले और हवेलियों में हैरिटेज होटल्स खोलने के लिए उनके मालिक पंचायत प्रशासन से कानूनी हक ले सकेंगे। इससे नेशनल और स्टेट हाइवे से लगते गांवों में बड़े प्रोजेक्ट्स आने की संभावना रहेगी। लैंड यूज चेंज का अधिकार लागू नहीं होने से पहले तक बड़े निवेशक इसलिए नहीं आते थे क्योंकि गांवों में भू उपयोग परिवर्तन के कोई नियम ही नहीं थे। सरकार के इस बदलाव से गांवों का सुनियोजित तरीके से विकास हो पाएगा। उल्लेखनीय है कि अभी तक पंचायतों के पास आय के साधन ज्यादा नहीं हैं। लेकिन अब बड़े प्रोजेक्ट्स भू-उपयोग परिवर्तन के लिए प्रस्तुत होंगे तो उनसे प्राप्त होने वाले शुल्क से विकास के अन्य काम भी किए जा सकेंगे। साथ ही बड़े प्रोजेक्ट्स आने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि गांव के लोगों को अपने गांव में ही रोजगार मिल सकेगा।
ग्रामीण क्षेत्र की आबादी भूमि का अन्य उपयोग के लिए लैंड यूज चेंज हो सकेगा
अब राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र की आबादी भूमि का आवासीय उपयोग से व्यावसायिक, औद्योगिक, सिनेमा, होटल, संस्थागत, अस्पताल, सोलर, या विंडपावर उपयोग एवं सार्वजनिक उपयोग के लिए लैंड यूज चेंज हो सकेगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 में नए नियमों के तहत पंचायतों को अब इसके लिए अधिकार दिए गए है कि वह भू-उपयोग परिर्वतन के लिए पट्टे जारी कर सके। मंत्री राठौड़ ने बताया कि लेकिन ऐसी भूमि जो राज्य सरकार एवं पंचायत द्वारा रिहायशी कार्य के लिए रियायती दर पर या नि:शुल्क दी गई हो, उसका भू-उपयोग परिवर्तन नहीं हो सकेगा। उन्होंने बताया कि नए नियमों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति जिसे पास पंचायत द्वारा जारी किया गया आबादी भूमि का पट्टा है, वह अपने उस भू-खंड का उपविभाजन या पुनर्गठन भी करवा सकेगा।
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मंत्री राठौर ने बताया कि अब आबादी भूमि का पट्टाधारी पंचायत से लैंड यूज चेंज करवाकर उस भूमि पर होटल, गेस्ट हाउस, हॉस्टल, ढ़ाबा, सिनेमा, मल्टीप्लेक्स, पेट्रोप पम्प, किसी भी प्रकार का गोदाम, वर्कशॉप आदि चला सकेगा। इसके अलावा गांवों की आबादी भूमि में बड़े स्तर पर अस्पताल, डॉयग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिंग होम, आदि को संचालित किए जाने का भी रास्ता खुल गया है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं होगी, उन्हें अपने ही क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे।