राजस्थान के स्कूलों में अब शिक्षक ‘पास बुक्स’ की सहायता से नहीं पढ़ा सकेंगें। दरअसल, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के हालिया निर्देश के अनुसार अब विद्यालयों में पास बुक्स के उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है। शिक्षा परिषद के नए निर्देश के बाद अब स्कूल परिसर में पासबुक का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इससे पहले हाल ही में शिक्षा विभाग ने कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए यूनिफॉर्म या ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय किया था लेकिन इसके विरोध के चलते विभाग को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। सरकार ने यह साफ किया है कि कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए यूनिफॉर्म लागू करने की सरकार की ओर से कोई बाध्यता नहीं है। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने इस बारे में स्पष्ट किया कि सरकार ने पूर्व में स्टूडेंट्स की मांग पर ड्रेस कोड लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन स्टूडेंट्स की मांग पर ही इसमें संशोधन किया गया है।
रटंत विद्या पर लगाम के लिए ‘पास बुक्स’ का उपयोग बंद होगा
शिक्षा विभाग के इस आदेश के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि विभाग पास बुक्स के उपयोग को बंद कर रटंत विद्या पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहा है। शिक्षा विभाग के अनुसार यह कदम स्टूडेंट्स में शिक्षा की गुणवत्ता बनाने के लिए उठाया गया है। साथ ही शिक्षा विभाग ने डीडी डीईईओ को यह निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षकों ने अगर पास बुक्स प्रयोग में लिया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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स्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई में पास बुक्स का बढ़ रहा है उपयोग
दरअसल, राजस्थान में सहायक पुस्तकों के रूप में पास बुक्स का स्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई में उपयोग बढ़ता ही जा रहा है। इस पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा विभाग को यह निर्णय लेना पड़ा है। कक्षा तीन से लेकर मास्टर्स डिग्री तक सभी कक्षाओं और विषयों पर ये पास बुक्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। इन पास बुक्स की वजह से स्टूडेंट्स परीक्षा में पाठ्य सामग्री के बजाय संभावित प्रश्नों और उनके उत्तर लिए निर्भर रहने लगे हैं। जिससे उनकी शिक्षा की नींव कमजोर होती नज़र आ रही है। इसे देखते हुए ही शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है।