जयपुर। अशोक गहलोत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी कर ली है। प्रदेश की नई निवेश प्रोत्साहन नीति में सरकार उद्योगों को रोजगार के बदले दी जाने वाली प्रोत्साहन सब्सिडी को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर सकती है। उद्योग विभाग ने नई निवेश प्रोत्साहन नीति का प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा है। अब वित्त विभाग अपने संसाधनों को देखते हुए नीति के प्रारूप को मंजूरी देगा। अगर ऐसा होता है तो मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश के बाद राजस्थान देश का तीसरा राज्य बन जाएगा।

संबंधित सभी विभागों की बुलाई बैठक
19 सितंबर को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम ने उद्योग से संबंधित सभी विभागों की बैठक बुलाई है। सुबह 11 बजे होने वाली इस बैठक में आरएलएसडी के एमडी समिति शर्मा, उद्योग आयुक्त, अतिरिक्त श्रम आयुक्त और सीआईआई के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। प्रस्ताव के मुताबिक प्रदेश के स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसदी आरक्षण राज्य की सभी औद्योगिक इकाईयां, फैक्ट्रीज, संयुक्त उद्यम सहित पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में चल रही परियोजनाओं में इसे लागू किया जाएगा।

नई नीति में सरकार देगी ये छूट
नई नीति ज्यादा राेजगार परक हो इसलिए इसमें स्वयं सहायता समूहों, सोसायटी, कंपनीज और फर्म सभी को योजना के दायरे में लाया जा सकता है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे रोजगार पनप सकेंगे। रोजगार सब्सिडी के अलावा स्टांप ड्यूटी में छूट, भूमि रूपांतरण में छूट, ऋण पर ब्याज सब्सिडी, प्लांट और मशीनरी पर कैपिटल सब्सिडी, विद्युत भार में छूट, पावर टैरिफ पुनर्भरण और मंडी शुल्क में छूट के प्रावधान भी प्रस्तावित हैं।

ये बाधाएं आएगी सामने
निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने में कई तरह की दिक्कतें भी हैं। फार्मा, ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग और केमिकल सहित कई उद्योग ऐसे हैं, जिनमें कर्मचारियों की नियुक्ति अखिल भारतीय स्तर पर होती है। उनमें स्थानीय स्तर पर योग्य कर्मचारी न मिलने का भी खतरा है। निजी क्षेत्र के बैंकों में भी स्थानीय स्‍तर पर आरक्षण लागू करने में कई तरह की बाधाएं हैं। इन बाधाओं को देखते हुए ही श्रम विभाग ने निजी क्षेत्र से इस पूरे मामले में चर्चा करने का फैसला किया है।

वसुंधरा सरकार ने तैयार की थी निवेश प्रोत्साहन नीति
पिछली वसुंधरा सरकार ने 2014 में निवेश प्रोत्साहन नीति तैयार की थी। इसमें ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन सब्सिडी दी गई जिसमें 30 प्रतिशत एसजीएसटी रिफंड के रूप में और 20 प्रतिशत डोमीसाइल एम्प्लायमेंट सब्सिडी के रूप में दिया गया। प्रस्तावित नई नीति में डोमीसाइल एम्प्लायमेंट सब्सिडी की जगह सिर्फ एसजीएसटी रिफंड की ही प्रोत्साहन सब्सिडी दी जाएगी।