जयपुर। अशोक गहलोत की सरकार प्रदेश में 32 महीने बाद भी अपने वादों को निभाने में विफल रही है। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं से वादा किया था कि किसी भी कारण से अगर कोई भर्ती नहीं हो पाई तो उसका परीक्षा शुल्क अभ्यर्थियों को लौटाया जाएगा। लेकिन पिछले आठ साल निकली 3 भर्तियों के 19 लाख से अभ्यर्थियों के 46 करोड़ रुपए से अधिक सरकार के पास जमा हैं। तीन में से 2 भर्तियां विद्यालय सहायक और फार्मासिस्ट भर्ती तो रद्द कर दी गईं, लेकिन आज तक परीक्षा शुल्क नहीं लौटाया गया।
8 साल पहले से जमा शुल्क अभी तक नहीं लौटाया
प्रदेश की कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में 2013 में तकनीकी कर्मचारियों के 1294 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। भर्ती प्रक्रिया के बीच में ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो गए और भाजपा सरकार आ गई। भाजपा के 5 साल के कार्यकाल में यह भर्ती ठंडे बस्ते में पड़ी रही। 2018 में फिर कांग्रेस सरकार आई तो अभ्यर्थियों को आस बंधी, पर अब तक कुछ नहीं हुआ।
विद्यालय सहायक भर्ती के 25 करोड़ रुपए भी अटके
विद्यार्थी मित्रों के समायोजन के लिए निकाली गई विद्यालय सहायक भर्ती को सरकार ने रद्द कर दिया। इसका शुल्क भी नहीं लौटाया गया। पिछली प्रदेश की भाजपा सरकार ने पहले तो वर्ष 2013 में 33689 पदों पर शिक्षा सहायक भर्ती निकाली, पर ये भर्ती भी अटक गई। इसे रद्द करके 2014 में 33,493 पदों पर विद्यालय सहायक भर्ती निकाली। इसमें 12,03,013 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इससे 25 करोड़ रुपए जमा हुए। इनको भी रद्द कर दिया गया।