राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी मुलाकात की। श्रम शक्ति भवन में हुई इस बैठक में सीएम राजे ने प्रदेश की विभिन्न जल संसाधन एवं नदी परियोजनाओं तथा राजस्थान को यमुना नदी का पानी उपलब्ध कराने सहित कई अहम मुद्दों पर केन्द्रीय मंत्री गडकरी से चर्चा की। जल संसाधन मंत्री गडकरी ने जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान की जल संसाधन से जुड़ी मरम्मत, जीर्णोद्धार तथा पुनरूत्थान की 14 करोड़ रुपए की लागत वाली 36 नई परियोजनाओं को मंजूर कर दिया गया है। मंत्री ने आगे कहा कि राजस्थान की इन परियोजनाओं के लिए पहली किश्त जल्द ही जारी कर दी जाएगी।
सीएम राजे ने किया केन्द्रीय मंत्री से 2 हजार करोड़ रुपए मंजूर करने का आग्रह:
मुख्यमंत्री राजे ने बैठक के दौरान केन्द्रीय जल मंत्री गडकरी से कहा कि सरहिन्द और राजस्थान फीडर के उन्नयन का काम अप्रैल 2018 तक पूरा करवाया जाना है। राजे ने इसके लिए केन्द्रीय मंत्री से 2 हजार करोड़ रुपए अतिशीघ्र मंजूर करने का आग्रह किया। सीएम ने राज्य की महत्वाकांक्षी परवन परियोजना की स्वीकृति देने के साथ केन्द्रीय सरकार की ओर से मदद की राशि बढ़ाने जाने की भी मांग रखी।
328 करोड़ की बकाया राशि जारी करने की रखी मांग: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस बैठक में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से नर्मदा एवं गंगनहर परियोजना से जुड़ी परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय हिस्सेदारी की बकाया 328 करोड़ रुपए की राशि जारी करवाने की मांग की। सीएम ने इसके साथ ही नर्मदा नहर परियोजना के रिवीजन की स्वीकृति देने की भी मांग रखी।
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37 हजार करोड़ की परियोजना के लिए तय हो केन्द्र की हिस्सेदारी: सीएम राजे ने कहा कि ईआरसीपी परियोजना (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) के तहत राजस्थान की करीब 40 प्रतिशत आबादी को पीने के पानी की सुविधा और दो लाख हेक्टयर भूमि में सिंचाई के अलावा 13 जिलों की 2 लाख हेक्टयर अतिरिक्त भूमि में सिंचाई सुविधा सुलभ करवानी है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री गडकरी से आग्रह करते हुए कहा कि राजस्थान की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जल्द से जल्द केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी तय करवाई जाए। जिससे पूर्वी राजस्थान को पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके।