राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने अपने वर्तमान कार्यकाल में बालिका शिक्षा पर विशेष जोर दिया है। इसका नतीजा है कि प्रदेश में बालिका शिक्षा ने आसमान छुआ है। राजे सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं क्रिन्यान्वित कर रही है। शुक्रवार को अजमेर में जिले की 2158 मेधावी छात्राओं को शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने गार्गी पुरस्कार से सम्मानित किया। अजमेर स्थित राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में आयोजित कार्यक्रम में जिले की छात्राओं को गार्गी पुरस्कार वितरित करने बाद शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि राजस्थान में पिछले पौने पांच सालों में शिक्षा के साथ ही बालिका शिक्षा का भी ग्राफ तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में गार्गी पुरस्कार लेने वाली बालिकाओं की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। शिक्षा में बालिकाओं का नामांकन और परिणाम बताता है कि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्ति की ओर अग्रसर है।
पौंने पांच साल में राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में 26वें से दूसरे स्थान पर पहुंचा
शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अगुवाई में राजस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जब काम करना शुरू किया उस समय प्रदेश में शिक्षा की स्थिति दयनीय थी। अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना नहीं चाहते थे। हमने इन स्थितियों को चुनौती की तरह लिया और आज परिणाम सबके सामने है। मंत्री देवनानी ने कहा कि इन सालों में राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में 26वें से दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। आज प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावकों की लाइन लगती है। उन्होंने कहा कि पिछले पौंने पांच साल में प्रदेश में शिक्षा का स्तर और स्कूलों का ढांचा दोनों सुधरे हैं। राजस्थान में 3500 करोड़ रुपए की लागत से स्कूलों में नव निर्माण एवं भौतिक संसाधन उपलब्घ कराए गए हैं।
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हमने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी जैसी गंभीर समस्या का हल निकाला
शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि राजस्थान की शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का पूरा योगदान है। देवनानी ने कहा कि हमने राजस्थान में एक लाख नए शिक्षकों की भर्ती तथा सवा लाख शिक्षकों को पदोन्नति देकर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी जैसी गंभीर समस्या का हल निकाला। उन्होंने कहा कि राजस्थान की शिक्षा में यह सकारात्मक बदलाव आने वाले सालों में देश के लिए एक मिसाल की तरह याद किया जाएगा। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में शहर की 592 बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार दिए गए हैं। जिले की 2158 बालिकाओं को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं पुरस्कार प्राप्त करने वाली बालिकाएं उपस्थित थी।