जयपुर। राजस्थान के झुंझुनूं जिले से एक और लाडला देश की रखा करते हुए शहीद हो गया। झुंझुनूं जिले के गांव हुक्मपुरा गांव के शमशेर अली खान (42) गुरुवार सुबह भारत-चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए। शहीद के पिता रिटायर्ड नायब सूबेदार सलीम अली ने बताया कि गुरुवार सुबह सेना के अधिकारी ने फोन पर शमशेर के शहीद होने की जानकारी दी। 9 अप्रेल, 1997 को जबलपुर में सेना में भर्ती हुए शमशेर अली वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश के टेंगा में 24 ग्रेनेडियर यूनिट में तैनात थे और पास में चीन की सीमा पर पेट्रोलिंग करने गए हुए थे। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पत्नी सलमा बानो व मां नथी बानो बेसुध हो गई।

24 ग्रेनेडियर यूनिट में तैनात थे
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर परवेज हुसैन ने बताया कि शहीद नायब सूबेदार शमशेर अली खान उदयपुरवाटी उपखंड के गुढ़ागौड़जी के समीप बामलास पंचायत के हुकुमपुरा गांव के रहने वाले थे। शमशेर अली खान अरुणाचल प्रदेश के टेंगा में 24 ग्रेनेडियर यूनिट में तैनात थे। वे वहीं पास में चीन की सीमा पर पेट्रोलिंग कर रहे थे। वहां पर हुई आतंकी हरकत के दौरान वे आतंकियों से लोहा ले रहे थे। इस दौरान शमशेर पाइनिज पोस्ट पर शहीद हो गए। इस पोस्ट की ऊंचाई करीब 18 हजार फीट है। वहां पर शमशेर अली खान ने गुरुवार सुबह साढ़े चार बजे अंतिम सांस ली। उनकी पार्थिव देह शुक्रवार देर शाम तक गांव पहुंचने की संभावना है।

वसुंधरा राजे ने जताई संवेदना
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने ट्विटर अकाउंट संवेदना जताई है। राजे ने लिखा, ‘हुकुमपुरा, झुंझुनूं निवासी भारतीय सेना के जवान सूबेदार शमशेर अली जी की शहादत का समाचार सुन हृदय आहत है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं। शोक-संतप्त परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ।।शहादत को सलाम।।’

परिवार चार पीढ़ियों से सेना में है
शमशेर अली खान की शहादत की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद की पत्नी सलमा बानो बेसुध हो गई। शहीद के भाई अली शेर ने बताया कि शमशेर अली 1997 में सेना में भर्ती हुए थे। शमशेर अली का परिवार चार पीढ़ियों से सेना में है। उनके पड़दादा बागी खां, दादा फैज मोहम्मद और पिता सलीम अली भी सेना से रिटायर्ड हैं। उनके दादा फैज मोहम्मद ने सेना में 1965 की लड़ाई भी लड़ी थी। इस परिवार में देशभक्ति का जज्बा इसी से आंका जा सकता है कि परिवार की पांचवीं पीढ़ी यानि कि शहीद शमशेर अली का 16 साल का बेटा और 12 साल का बेटा भी सेना में जाने को तैयार है।

हुक्मपुरा गांव का पहला शहीद
शहीद के पिता रिटायर्ड नायब सूबेदार सलीम अली ने बताया कि हुकुमपुरा गांव में शहीद का यह पहला मामला हुआ है। देश के लिए शहीद हुए बेटे पर परिवार को नाज है। शहीद की पार्थिव देह शुक्रवार शाम तक पहुंचेगी।

बेटा बोला मैं भी जाऊंगा देश की रक्षा करने
शहीद के 16 वर्षीय बेटा आलमशेर को अपने पिता की शहादत पर गर्व था। उसने बताया कि वह भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता है। अपनी परिवार के लोगों की देश के प्रति सेवा के जुनून को देखते हुए सेना में भर्ती होने की इच्छा बताई।