जयपुर ब्लास्ट की 15वीं बरसी पर बीजेपी शहर के 250 वार्डों में धरना दिया गया और राज्य सरकार की सद्बुद्धि के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। वहीं जयपुर की हवामहल विधानसभा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ दिए जा रहे धरने में शामिल हुए। जहां उन्होंने बम ब्लास्ट मामले की कमजोर पैरवी के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस के विधायक जब नाराज होकर चले गए थे। तब मुख्यमंत्री गहलोत ने सत्ता बचाने के लिए दिल्ली के बड़े वकील खड़े कर दिए थे। क्या जयपुर के लोगों की जान की कीमत नहीं है। इस मामले में सरकार ने सिर्फ यही लापरवाही नहीं की। बल्कि, जिस AAG को इस मामले की पैरवी करनी थी। वह 48 दिन तक इस पूरे मामले से गायब और दूर हो गया। जिसकी वजह से जिन आतंकवादियों को फांसी के फंदे पर लटकना चाहिए था। वह बरी हो गए।
जोशी ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सिर्फ कुछ लोगों को खुश करने के लिए इस तरह की लापरवाही को अंजाम दिया। इससे पहले भी कांग्रेस के राज में आतंकवादी याकूब मेनन की फांसी की सजा माफ करने के लिए कांग्रेसी नेता याचिका लगा चुके हैं। बल्कि, कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आतंकवादी की मौत पर आंसू बहाती है। इसी तरह जयपुर ब्लास्ट मामले में भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति को अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ जानबूझकर कमजोर पैरवी की। ताकि उन्हें रिहाई मिल सके। लेकिन भारतीय जनता पार्टी जयपुर की जनता के हक के लिए आखिरी वक्त तक लड़ाई लड़ेगी। बीजेपी ब्लास्ट के दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचा कर रहेगी।
बता दें राजस्थान में साल 2008 के दौरान जयपुर में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। जिसमें 71 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 185 लोग घायल हुए थे। इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार की कमजोर पैरवी करने के बाद फरवरी में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। जिसके बाद राजस्थान बीजेपी ने इसे कांग्रेस सरकार की लापरवाही करार दिया था। इसके बाद पीड़ित परिवारों के साथ मिल बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। वहीं कांग्रेस सरकार ने भी याचिका दायर की थी। इसके साथ ही मंत्री प्रताप सिंह ने ब्लास्ट मामले के दोषियों की रिहाई के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था।