फिल्मी स्क्रीन से लेकर राजनीति के गलियारों तक अपना जौहर दिखाने वाली जयललिता ने 5 दिसंबर 2016 को 68 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। अपने राजनीतिक जीवन में तमाम तरह की विषमत परिस्थितिओं से बाहर निकल कर अपना डंका बजाने वाली अम्मा इस बार कार्डिएक अरेस्ट को नहीं झेल पाई। हम आपकों बता रहे है देश के फिल्मी जगत औऱ राजनीति जगत में अम्मा का क्यों था इतना प्रभाव।
आइए जानते है जयललिता के जीवन के सफर की 15 बातें
1. जयललिता की मां लोकल ड्रामा कंपनी में काम किया करती थी। आगे चलकर जयललिता ने भी अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रुप में की। सिर्फ 15 साल की उम्र में उन्होंने एक कन्नड फिल्म में अभिनय किया।
2. आगे चलकर जयललिता ने तमिल फिल्मों की तरफ रुख किया। दिलचस्प ये है कि जयललिता उस दौर की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने स्कर्ट पहन कर भूमिका की जिसे उस दौर में बड़ी बात माना गया।
3. जब जयललिता के पिता का तब निधन हुआ था जब वे केवल दो वर्ष की थीं। उनकी मां जयललिता को साथ लेकर बेंगलुरू चली गई थीं जहां उनके माता-पिता रहते थे। बाद में उनकी मां ने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया।
4. दक्षिण भारत में खासकर तमिलनाडु के लोगों के बीच भगवान की तरह पूजी जाने वाली जयललिता एक वक्त तमिल फिल्म इंडस्ट्री की सुपर स्टार थीं। उन्होंने उस जमाने के बॉलीवुड सुपरस्टार धर्मेंद्र के साथ इज्जत नाम की फिल्म में काम किया था। यह फिल्म साल 1968 में आई थी।
5. एक खूबसूरत दिल मोहने वाली हीरोईन से सख्त आयरन लेडी तक का सफर जयललिता के लिए आसान नहीं रहा है। इन सालों में जयललिता ने देखी है उन्हें मारे जाने की साजिश, उन्हें कुर्सी से उखाड़ फेंकने के दांव-पेंच और भ्रष्टाचार के ऐसे आरोप जो किवदंती तक बन गए। लेकिन हर बार जयललिता इन सबसे निजात पाने में कामयाब रहीं।
6. जयललिता ने न सिर्फ अभिनय किया बल्कि खासतौर पर नृत्य करना भी सीखा। आपको जानकर हैरानी होगी की जयललिता को भरतनाट्यम, मोहिनीहट्टम, मनीपूरी और कथ्थक जैसे डांस फॉर्म पर पकड़ थी। इतना ही नहीं उन्होंने ने शास्त्रिय संगीत की भी सीखी थी।
7. उस ज़माने के सबसे लोकप्रिय अभिनेता एम जी रामचंद्रन के साथ उनकी जोड़ी बहुत ही मशहूर हुई। 1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ की। फिल्मी कामयाबी के दौर में उन्होंने 300 से ज़्यादा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम किया।
8. अपने राजनैतिक गुरू एम जी रामचंद्रन के साथ उनका दूसरा दौर राजनीति में शुरू हुआ। एमजी रामचंद्रन जब राजनीति में चले गए तो करीब दस साल तक उनका जयललिता से कोई नाता नहीं रहा। लेकिन 1982 में एम जी रामचंद्रन उन्हें राजनीति में लेकर आए।
9. रामचंद्रन चाहते थे कि जयललिता राज्यसभा पहुंचे क्योंकि उनकी अंग्रेजी बहुत अच्छी थी। जयललिता 1984-1989 तक राज्यसभा सदस्य बनीं और साथ ही उन्हें पार्टी का प्रचार सचिव भी नियुक्त किया गया। इस जिम्मेदैरी को भी जयललिता ने बखूबी निभाया।
10. साल 1991 में जयललिता तमिलनाडू की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी।
11. साल 2001 में जयललिता दोबारा तमिलनाडू की मुख्यमंत्री बनी। लेकिन वो ज्यादा दिनों तक मुख्यंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ पाईं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठ सकती क्योंकि उन पर क्रिमिनल केस चल रहा है। जयललिता पर प्लीजेंट स्टे होटल केस के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा हुआ था।
12. इसके दो साल बाद 2003 में वे फिर मुख्यमंत्री नियुक्त की गईं।
13. साल 2011 में जयललिता तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठीं। लेकिन विवादों ने उनका दामन यहां भी नहीं छोड़ा और साल 20104 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल जेल की सजा हुई।
14. लेकिन यहां भी जयललिता ने हार नहीं मानी और आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल गई। जिसके बाद साल 2015 में फिर से वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुई।
15. जयललिता को उनके समर्थक अम्मा के नाम से बुलाते थे। तमिलनाडू में अम्मा कैंटीन से लेकर अम्मा डेयरी तक जयललिता के राजनीतिक विरासत के गवाह हैं। जब साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में मोदी नाम की लहर थी, उस दौरान कुल 39 लोकसभा सीटों में 37 सीटें जयललिता की पार्टी AIADMK ने जीती। लेकिन लगातार स्वास्थ्य कारणों से जूझ रहीं जयललिता पिछले ढ़ाई महीनों से चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं। सोमवार 5 दिसंबर की रात उन्होंने अंतिम सांस ली।