जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर आतंकी हमले में भारत के 12 जवान शहीद तथा 20 से ज्यादा जवान गंभीर घायल है। 70गाड़ियों के काफिले पर IED ब्लास्ट के बाद फायरिंग कर घटना को अंजाम दिया है। इन 70गाड़ियों में करीब 2500 से ज्यादा थे। सड़क के पास एक गाड़ी को खड़ा किया गया था जिसमें IED प्लांट किया गया था। CRPF के काफिले के गुजरते रिमोट कंट्रोल से हमले की बात सामने आ रही है। साथ ही सूत्रों की माने तो आतंकी हमले में स्थानीय लोगों की मदद का अंदेशा जताया जा रहा है।
सुरक्षाबलों पर पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में IED और गोलियों से हमला किया गया है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उरी हमले के बाद इसे पहला इतना बड़ा हमला माना जा रहा है। सियासत के तौर पर देखें तो केन्द्र में मोदी सरकार के कार्यकाल का संभवत: ये पहला बड़ा आतंकी हमला है जिसमें इतनी संख्या में देश के जवान शहीद हो गए हैं। मीडिया सूत्रों की माने तो शहीद और घायलों की सख्यां में अभी और इज़ाफा हो सकता है।
गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले खुफिया एजेंसी ने संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु और जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट की फांसी की बरसी माने 9 फरवरी को लेकर अलर्ट जारी किया था। इसमें खुफिया एजेंसियों ने साफतौर पर कहा था कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के काफिले और उनके आने जाने के रास्ते पर IED से हमला कर सकते हैं। हमले के बाद सेना ने जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर ट्रैफिक रोक दिया है और सर्च ऑपरेशन जारी है। वहीं, अवंतिपोरा, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और श्रीनगर जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।