बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे बर्खास्त आईपीएस पंकज चौधरी का नामांकन रद्द हो सकता है ! अयोग्यता के प्रावधान के तहत केंद्र या राज्य सरकार की ओर से भ्रष्टाचार या अन्य किसी भी आधार पर सेवा से बर्खास्त किए गए अधिकारी चुनाव नहीं लड़ सकते. ऐसे में आशंका है कि चौधरी का नामांकन खारिज हो सकता है.

हाल ही में भारतीय पुलिस सेवा से बर्खास्त हुए पंकज चौधरी ने लोकसभा चुनाव से अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत की है. इसके लिए उन्होंने बसपा का दामन थामा है. बसपा ने पंकज चौधरी को बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. लेकिन उनके लिए ये इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि ऐसे मामले में उस अधिकारी को चुनाव लड़ने के लिए पहले भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के तहत सर्टिफिकेट लेना पड़ता है. इस सर्टिफिकेट को जारी करने से पूर्व यह ध्यान रखा जाता है कि अधिकारी को किस आधार पर बर्खास्त किया गया है.

कल होगी नामांकन-पत्रों की जांच
राज्य में प्रथम चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का मंगलवार को अंतिम दिन है. बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच होगी. जांच में यदि यह पाया जाता है कि पंकज चौधरी ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सर्टिफिकेट नहीं दिया है तो उनका नामांकन खारिज हो सकता है.

दो पत्नी के मामले में केंद्र सरकार ने सेवा से किया था बर्खास्त
उल्लेखनीय है कि आईपीएस पंकज चौधरी को हाल ही में दो पत्नी के मामले में केंद्र सरकार ने सेवा से बर्खास्त किया था. पंकज आईपीएस रहते हुए अपने ही अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं. पंकज चौधरी को बसपा ने जहां बाड़मेर-जैसलमेर से चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं उनकी पत्नी मुकुल चौधरी को जोधपुर से टिकट दिया है.