news of rajasthan
ज़ीका वायरस
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ज़ीका वायरस

इन दिनों प्रदेश की राजधानी में जीका वायरस धीरे-धीरे बीमारी रुपी अपने पैर पसार रहा है। मेडिकल टीम की सावधानी के बावजूद शहर सहित प्रदेशभर में जीका, मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसी बिमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह सभी रोग अपने आसपास मच्छरों के पनपने और काटने से फैलते हैं। सरकार पूरी तरह इनपर नियंत्रण में जुटी है लेकिन आमजन की सतर्कता भी जरूरी है ताकि जीका वायरस पर पूर्ण लगान लग सकें। हालांकि जीका वायरस जानलेवा नहीं लेकिन फिर भी नियंत्रण आवश्यक है। यहां दी जा रही हैं जीका वायरस के बारे में कुछ अहम जानकारी, ताकि मच्छरों पर जमकर हमला बोला जा सके और जीका को करीब आने से रोक भी सकें।

जीका के लक्षण

  • आंख आना
  • बुखार आना
  • शरीर पर लाल दाने/चख्ते आना
  • बदन दर्द
  • जोड़ो का दर्द

शिक्षण संस्था करें यह कार्य

  • अपने शिक्षण संस्थान की पेयजल टंकियों की तत्काल सफाई कराएं।
  • अपने संस्थान में कहीं पानी एकत्रित नहीं होने दें।
  • दैनिक प्रार्थना में विद्यार्थियों को जीका, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि की जानकारी दें।
  • विद्यार्थियों को मच्छरों के प्रजनन की रोकथाम के बारे में जागरुक करें।
  • बुखार से ग्रसित विद्यार्थी के परिजनों को तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर जांच-उपचार का परामर्श दें।
  • स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा एंटी लार्वा गतिविधियां की जा रही है, उन्हें सहयोग प्रदान करें। अपने संस्थान परिसर को मच्छरों से मुक्त रखें।

जीका वायरस से बचने के लिए यह करें

  • गर्भवती महिलाएं नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करावाएं।
  • कीटनाशक से उपचारिक मच्छरदानी, मच्छर-रोधी बत्ती/क्रीम आदि का प्रयोग करें।
  • रक्त दान से पहले डोनर की जीका की जांच अवश्य करावाएं।
  • जीका रोगी अत्यधिक पानी का सेवन करें।
  • पूरी बांह के कपड़े पहने।
  • बुखार आने पर अपनी नजदीकी अस्पताल में परामर्श लेवें।
  • सप्ताह में एक बार कूलर, परिंडे, फूलदान, पानी की टंकी एवं फ्रिज की ट्रे इत्यादि को धोकर, सुखाकर भरें।
  • पति-पत्नी में से अगर कोई जीका रोग से ग्रसित पाया जाता है तो साथी से अगले 6 माह तक सुरक्षित संबंध बनाएं।

यह न करें

  • जीका रोगी तीन सप्ताह तक यात्रा न करें।
  • जीका रोगी रक्त दान न करें।
  • बुखार होने पर एस्परीन का प्रयोग ना करें।
  • घर एवं घर के बाहर पानी की टंकियों को खुला न छोड़ें।
  • अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
  • टायरों को बिखरा पड़ा न रहने दें।
  • अनुपयोगी बर्तन, टायर, नारियल के खोल, खुले में पड़े अनावश्यक कबाड़ इत्यादि में पानी इकट्ठा न होने दें।
  • पति-पत्नी में से अगर कोई जीका रोग से ग्रसित पाया जाता हे तो साथी से अगले 6 माह तक असुरक्षित संबंध न बनाएं।

उक्त सभी बातों को ध्यान में रखकर जीका वायरस को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। ध्यान रखें, जीका वायरस जानलेवा नहीं है। जीका का उपचार संभव है और इसकी जांच एसएमएस अस्पताल जयपुर में उपलब्ध है।

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